सोनभद्र।देश के देश के 115 व प्रदेश के 8 अति पिछड़े जिलों में शामिल जनपद सोनभद्र में केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा बिजली, पानी ,सड़क, स्वास्थ्य को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ,और तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं, बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही से लगातार जिला अस्पताल में मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।ताजा मामला सोनभद्र जिला अस्पताल का है जहाँ शनिवार को प्रसव के दौरान एक जच्चा और बच्चा की मौत हो गई, बताया जाता है कि नगवा ब्लाक के खलियारी से एक महिला प्रसव के लिए आई थी, लेकिन प्रसव के दौरान उसकी और बच्चे दोनो की मौत हो गई। इसके बाद घर वाले निजी वाहन से दोनों के शव को लेकर गए ।इस दौरान जिले के सीएमओ भी अस्पताल में मौजूद थे, लेकिन वह भी पीड़ितों को शव वाहन नहीं दिला सके। सीएमओ ने बताया कि जिला अस्पताल के सीएमएस जिले से बाहर हैं, और प्रभारी सीएमएस से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है ।इसलिए फिलहाल शव वाहन उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
नगवा ब्लाक के खलियारी के पड़रही गांव से आज सलमा 25 वर्ष प्रसव के लिए जिला अस्पताल आई, जहां पर इलाज के बाद बच्चा पैदा हुआ,लेकिन बच्चे की हालत गंभीर होते देख डाक्टरों ने प्राइवेट अस्पताल में दिखाने की सलाह दिया।परिजन बच्चे को लेकर प्राइवेट अस्पताल में दिखाने चले गए, जब तक वह जिला अस्पताल लौटते मां की भी मृत्यु हो चुकी थी। जिसे देख परिजनों में कोहराम मच गया और चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल हो गया । जच्चा-बच्चा की मौत के बाद बदहाल परिजन जिला अस्पताल प्रशासन से शव वाहन की मांग किए, लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन उनको शव वाहन भी देने से इनकार कर दिया। जिसे देख वहां उपस्थित लोगों ने कहा कि जिला अस्पताल की संवेदनाएं भी मर गई हैं ।
वही जिला अस्पताल में प्रसव के लिए अपने बेटी को लेकर आई महिला तीजन ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों जिला अस्पताल में सही हुए थे, बेटी ने पूछा कि बच्चा कैसा है, बातचीत किया। इसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे का स्वास्थ्य थोड़ा खराब है आप कहीं प्राइवेट अस्पताल में दिखा दीजिए, बच्चे को लेकर हम लोग प्राइवेट अस्पताल में चले गए, जब तक हम लोग वापस आए तब तक बेटी की मौत हो चुकी थी। इसके साथ ही बच्चे की भी मौत हो गई ।अस्पताल प्रशासन से शव वाहन की मांग किया गया लेकिन वह भी नहीं मिला।
घटना के बाद जब परिजन शव को लेकर जा रहे थे तो जिले के सीएमओ डॉ एसपी सिंह भी वहां मौजूद थे ।जब उनसे शव वाहन उपलब्ध कराने की बात कही गई तो उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल के सीएमएस जिले से बाहर है और प्रभारी सीएमएस से बात नहीं हो पा रही है, इसलिए फिलहाल शव वाहन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। इसके बाद परिजन निजी एंबुलेंस से ही शव को घर ले गए।