
सोनभद्र/दिनांक 20 सितम्बर, 2019।आपदा की स्थिति में बचाव की पूर्व तैयारी व धैर्य ही काम आता है। जब कोई आपदा आती है, तो व्यापक नुकसानी होती है, दैवीय आपदा को तो रोका नहीं जा सकता, पर आपदा /दैवीय आपदा आने की स्थिति में संभावित सुरक्षा प्रबन्धनों की मदद से जन-धन हानियों को काफी हद तक रोका जा सकता है, लिहाजा संभावित बाढ़ सुरक्षा के दृष्टिगत सभी सहयोगी विभाग अपनी तैयारी रखें। ईष्वर की कृपा है कि सोनभद्र जिला संभावित बाढ़ की चपेट में नहीं है,फिर भी पूर्व अभिलेखों के अनुसार बारी वर्षा होने पर जिले में जगह-जगह जल जमाव/पानी से जन-धन हानि की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।उक्त निर्देष जिलाधिकारी श्री एस0 राजलिंगम ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट मीटिंग हाल में संभावित बाढ़ सुरक्षा के दृष्टिगत तैयारियों की समीक्षा बैठक करते हुए दिये। जिलाधिकारी ने समीक्षा करते हुए कहा कि जिले के नदियों का वर्तमान जल स्तर पर निगाह रखी जाय। जरूरत के मुताबिक जिला, तहसील व बन्धी प्रखण्ड स्तरों पर कन्ट्रोल रूम की व्यवस्था की जाय। संभावित बाढ़ से प्रभावित नागरिकों, पशुओं के लिए जरूरी व्यवस्थाएं की जाय। संभावित बाढ़ के दृष्टिगत नाव व नाव चालकों, गोताखोरों की सूची फोन नम्बर व पता सहित रखी जाय। संभावित बाढ़ राहत कैम्प का चिन्हांकन व चौकी के साथ ही वैकल्पिक शुद्ध पेयजल व्यवस्था आदि की तैयारी रखी जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि ईष्वर से कामना है कि संभावित बाढ़/दैवीय आपदा की स्थिति जनपद में उत्पन्न न हों, यदि ऐसी अप्रिय स्थिति उत्पन्न होती भी है, तो उसके प्रभाव से बचाव की पूर्ण तैयारियां पहले से ही रखी जाय। बैठक में जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम के अलावा अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र बहादुर सिंह, उप जिलाधिकारीगण, आपदा विशेषज्ञ संजीव कुमार सिंह, आपदा कार्मिक हृदेश प्रकाश आत्रेय सहित अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें।
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