सोनभद्र। जिला अस्पताल में अस्पताल कर्मियों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिला अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित दो बच्चों का इलाज चल रहा है, जिन्हें हर 15 दिन में ब्लड चढ़ाना पड़ता है ।
आज अस्पताल कर्मियों ने ब्लड का बैग बच्चों के हाथों में पकड़ा दिया और उन्हें ड्रिप भी नहीं लगाई । खुद उनकी मां ने उन्हें ब्लड की ड्रिप लगाई। पीड़ित बच्चों की मां का आरोप है कि इस स्थिति का सामना उन्हें अक्सर ही करना पड़ता है और वह खुद से ही ड्रिप लगा लेती हैं। इसके अलावा उन्हें ब्लड मिलने में भी काफी समस्या सामने आती है। वहीं जब इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इससे साफ इंकार कर दिया और कहा कि सिस्टर ही ड्रिप लगाती है।
सोनभद्र जिला अस्पताल में आज अस्पताल कर्मियों और डॉक्टरों की संवेदनहीनता देखने को मिली। जब ब्लड बैंक से ब्लड लेकर आए दो बच्चों और उनकी मां को अस्पताल कर्मियों ने ड्रिप नहीं लगाई और बच्चों के हाथों में ही ब्लड का थैला पकड़ा दिया।
पन्नूगंज के संडा गांव निवासी उज्जवल पांडेय और अनमोल पांडे दो बच्चे थैलेसीमिया नामक रोग से पीड़ित हैं और उन्हें हर 15 दिन पर ब्लड चढ़ाना पड़ता है। आज जब वे ब्लड बैंक से ब्लड लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां मौजूद नर्सों ने उन्हें ड्रिप लगाने से मना कर दिया। जिसके बाद बच्चों की मां ने ही खुद से ड्रिप लगा ली। बच्चों की मां का आरोप है कि उन्हें अक्सर ही ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है उन्हें कभी वार्ड में तो कभी इमरजेंसी में भेजा जाता है । सरकारी ब्लड बैंक से ब्लड मिलने में भी काफी समस्या होती है।
वहीं दूसरी तरफ जब इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर के0 कुमार से पूछा गया कि बच्चों की मां को खुद से ही क्यों ब्लड की ड्रिप लगानी पड़ी। तो उन्होंने इससे साफ इंकार कर दिया उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है अस्पताल कर्मी ही ब्लड की ड्रिप लगाते हैं।