ऐसे अध्यापक जिनको पढ़ने- पढ़ाने से कोई मतलब नहीं है वही प्रेरणा ऐप का विरोध कर रहे हैं,सदर विधायक

सोनभद्र।प्रदेश सरकार द्वारा 5 जून को अध्यापको की निगरानी के लिए लांच किए गए प्रेरणा ऐप के विरोध में प्रदेश व्यापी आंदोलन व विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।जिसको लेकर सोनभद्र में आज उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष के निर्देशन में संघ के पदाधिकारियों ने सदर विधायक को मुख्यमंत्री को संबिधित प्रेरणा ऐप के विरोध समेत 22 सूत्रीय मांगों को सौपा।

इस दौरान जिला अध्यक्ष ने कहा कि पत्र के माध्यम से मांग किया कि सरकार एवं बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति प्रेरणा ऐप के माध्यम से कराना सुनिश्चित हुआ है गया है इस ऐप के माध्यम से विभाग और सरकार द्वारा शिक्षकों के कार्य एवं व्यवहार पर एक सवालिया निशान खड़ा किया जा रहा है।

उक्त के संबंध में अभी अवगत कराना है कि इस ऐप के माध्यम से जो भी डाटा शिक्षक /शिक्षिकाओं द्वारा दिया जाएगा, वह पूर्णतया सुरक्षित नहीं है ।प्रेरणा ऐप के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति लेना पूर्णतया अव्यवहारिक एवं प्रदेश के शिक्षकों के निजता का हनन है। प्रदेश का शिक्षक कोई शातिर अपराधी नहीं है, जो इस ऐप के माध्यम से उस पर मानिटरिंग की जाए ।और माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निजता का अधिकार मौलिक अधिकार में शामिल किया गया है एवं सभी को मौलिक अधिकार में रहने का अधिकार दिया गया है। साथ ही शिक्षक/ शिक्षिकाओं ने सदर विधायक से अनुरोध किया कि उत्तर प्रदेश सरकार एवं बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा लांच किया गया प्रेरणा ऐप को वापस करवाने की कृपा करें।

सदर विधायक ने बताया कि 5 सितंबर शिक्षक दिवस को प्रदेश सरकार द्वारा अध्यापकों को सम्मानित करते हुए प्रेरणा ऐप लांच किया गया है जिसका प्रदेश भर के सभी शिक्षक द्वारा समर्थन किया गया। कुछ ऐसे अध्यापक जिनको पढ़ने- पढ़ाने से कोई मतलब नहीं है वही इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे अध्यापकों को समझाने का प्रयास किया जाएगा आज प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष द्वारा प्रणब के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें कुछ तकनीकी बिंदुओं पर बदलाव की मांग की गई है जिसको मुख्यमंत्री जी के समक्ष रखा जाएगा और अध्यापकों के साथ बैठकर वार्ता किया जाएगा।

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