कोयला खनन और कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को कोयला खनन और कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी। वहीं, चीनी के निर्यात पर 6,268 करोड़ की सब्सिडी का ऐलान किया। साथ ही डिजिटल मीडिया में प्रिंट मीडिया की तरह 26% एफडीआई को मंजूरी दे दी। सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल में एफडीआई से नियमों में भी ढील देने का फैसला किया है। देशभर में अगले 2 साल में 75 सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।

चीनी
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत के पास 162 लाख टन का चीनी भंडार है। इसमें से 40 लाख टन का बफर स्टॉक है और 60 लाख टन निर्यात किया जाएगा। चीनी कारखानों को 10,448 रुपए प्रति मीट्रिकटन एक्सपोर्ट सब्सिडी मिलेगी। अभी सरकार 50 लाख टन चीनी निर्यात पर सब्सिडी दे रही है।
असर: निर्यात पर सब्सिडी मिलने से अतिरिक्त उपज वाले किसानों को फायदा होगा। सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में देखा जा सकता है। महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

एफडीआई
सरकार ने कोयला खदान और इससे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर में ऑटोमैटिक रूट के तहत 100% एफडीआई को मंजूरी दे दी। कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में भी 100% एफडीआई का रास्ता साफ हो गया। इसके अलावा प्रिंट की तरह की डिजिटल मीडिया में भी 26% एफडीआई को मंजूरी दी गई है। घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में भी ऑटोमैटिक रूट के तहत 100% एफडीआई को मंजूरी दी गई है।

सिंगल ब्रांड रिटेल एफडीआई

सिंगल ब्रांड रिटेल में विदेशी कंपनियां फिजिकल आउटलेट से खोलने से पहले ऑनलाइन स्टोर शुरू कर सकेंगी। हालांकि, 2 साल में फिजिकल स्टोर भी खोलना पड़ेगा। फिलहाल, फिजिकल आउटलेट खोलने के बाद ही ऑनलाइन बिक्री की इजाजत है।
सिंगल ब्रांड रिटेल में विदेशी कंपनियों के लिए 30% लोकल सोर्सिंग के नियम भी आसान किए। अब एक्सपोर्ट के लिए खरीद भी लोकल सोर्सिंग में शामिल की जाएगी।

कोई कंपनी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी लोकल सोर्सिंग करती है तो उसे भी 30% की लिमिट में माना जाएगा। लोकल सोर्सिंग की समीक्षा साल दर साल नहीं बल्कि 5 साल में की जाएगी।सोर्स ऑफ दैनिक भाष्कर।

मेडिकल कॉलेज
सरकार 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलेगी। इन्हें 2021-22 तक जिला अस्पतालों से जोड़ा जाएगा। नए मेडिकल कॉलेजों से देश को 15,700 अतिरिक्त डॉक्टर मिलेंगे। इसके तहत देश में 15700 नई एमबीबीएस सीटें मिलेंगी। गोयल ने कहा कि ऐसे इलाकों में जहां स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर नहीं हैं और जहां कम से कम 200 बिस्तरों वाला अस्पताल है। इससे पेशेवर स्वास्थ्य और इलाके में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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