दिल्ली। शेयर बाजार में गिरावट और अर्थव्यवस्था में मंदी को देखते हुए भारत सरकार ने शुक्रवार को कई ऐलान किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा कि निवेशकों पर सरचार्ज बढ़ोतरी का फैसला वापस ले लिया गया है। सरकार ने बजट में सुपर-रिच पर सरचार्ज बढ़ा दिया था। शेयर बाजार में निवेश से मुनाफा कमाने वाले भी इसके दायरे में आ गए थे।
उन्होंने कहा- कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी में चूक को कानूनन अपराध नहीं माना जाएगा। इससे जुड़े प्रावधानों पर विचार करेंगे। 1 अक्टूबर से टैक्स विभाग से जुड़े नोटिस और अन्य आदेश सेंट्रलाइज्ड कंप्यूटर सिस्टम से जारी किए जाएंगे। बिना मंजूरी टैक्स संबंधित नोटिस जारी नहीं किए जाएंगे। कंप्यूटर जेनरेटेड यूनिक डॉक्यूमेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर के बिना कोई भी कम्युनिकेशन वैध नहीं होगा।
बैंकों के 70 हजार करोड़ रु दिए जाएंगे
वित्त मंत्री ने कहा कि लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए पब्लिक सेक्टर बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे। संपत्तियां गिरवी रखकर कर्ज लेने वाले लोन चुकाने के बाद परेशान न हों, इसके लिए बैंकों को आवश्यक रूप से लोन क्लोजर के 15 दिन में दस्तावेज लौटाने होंगे।
ट्रेड वार के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में- सीतारमण
उन्होंने कहा कि पहले वैश्विक अर्थव्यस्था की स्थिति को समझना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ट्रेड वार की वजह से कई देशों की अर्थव्यस्था अस्थिर है, लेकिन इन स्थितियों में भी भारत की इकोनॉमी बेहतर स्थिति में है। हमने लगातार लेबर, टैक्सेशन में सुधार के कदम उठाए हैं।
सीतारमण ने कहा- चीन और बाकी कई देशों से हमारी जीडीपी ग्रोथ रेट अभी भी बेहतर है। ट्रेड वॉर और चीन की मुद्रा में उतार-चढ़ाव की वजह से अस्थिरता बढ़ी है। 2014 से आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया लगातार जारी है। लेबर, टैक्सेशन जैसे सुधारों पर लगातार कदम उठा रहे। ग्लोबल जीडीपी का मौजूदा अनुमान 3.2% है। यह और घट सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा- अभी हमें वैश्विक हालात के बारे में जानने की जरूरत है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में हलचल है। कई देशों की विकास दर में गिरावट देखने को मिली है। इनमें अमेरिका जैसे देश भी शामिल हैं। इन हालात में भी भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है और मजबूत है।