रेनुसागार सोनभद्र।एबीपीएस रेनुसागार में स्थापना दिवस समारोह पर अन्तर्विद्यालयी अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता में छात्रों ने दिखाई शानदार प्रतिभा।आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल, रेणुसागर में दो दिवसीय स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में आयोजित कार्यक्रमों को ‘अभिव्यक्ति’ नाम दिया गया है।
कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय-प्रबंधक व रेणुसागर के एचआर हेड शैलेश विक्रम सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामना देते हुए शिक्षा के साथ साथ जीवन में पाठ्येतर गतिविधियों के महत्व को प्रतिपादित किया।
अभिव्यक्ति के प्रथम सोपान में रेणुसागर प्रेक्षा गृह में अन्तर्विद्यालयी अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्या विद्या चैटर्जी ने विषय का प्रर्वतन करते हुए सभी प्रतिभागियों एवं अतिथियों का स्वागत किया। इस प्रतियोगिता में डीएवी स्कूल बीना, डीएवी स्कूल अनपरा, डीएवी स्कूल ककरी, सेंट फ्रांसिस स्कूल अनपरा, उर्मिला पब्लिक स्कूल अनपरा, सेंट जोसेफ स्कूल शक्तिनगर, एबीआईसी रेणुसागर एवं एबीपीएस रेणुसागर सहित कुल आठ टीमों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने ‘‘सोशल मीडिया का समाज विरोधी प्रभाव है’’ इस विषय पर पक्ष एवं विपक्ष में अपना अपना तर्क अंग्रेजी माध्यम से प्रस्तुत किया। अंक तालिका के आधार पर
सेंट जोसेफ स्कूल शक्तिनगर को विजेता घोषित कर रनिंग शील्ड प्रदान किया गया। व्यक्तिगत प्रदर्शन में हिमांशु बंसल डीएवी स्कूल अनपरा को सर्वोत्तम वक्ता-पक्ष एवं समृद्धि पमिति सेंट जोसेफ स्कूल शक्तिनगर को सर्वोत्तम वक्ता-विपक्ष घोषित किया गया। ज्ञातव्य है कि वर्ष 1983 में विद्या मंदिर नाम से स्थापित, एबीपीएस के नये भवन का उद्घाटन स्व. आदित्य विक्रम बिड़ला जी द्वारा दिनांक 22 अगस्त 1987 को किया गया था जिसके उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। नये विद्यालय परिसर के तीन दशकों के गौरवशाली इतिहास एवं विकास को रेखांकित करने वाला यह संस्थापना दिवस समारोह छात्रों, अध्यापकों एवं अभिभावकों के लिए न केवल आकर्षण का केंद्र रहा बल्कि यह प्रेरणा का स्रोत भी रहा।
निर्णायक मंडल में मनीष जैन, आकाश खत्री एवं इमरान अहमद की भूमिका सराहनीय रही। कार्यक्रम का संचालन पिंकी सिंह ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में रूबी ओझा, सी. बी. मिश्रा,ए. के. गुप्ता, जयन्त सरस्वती, डॉ. ए. के. सिंह, समीर श्रीवास्तव, ए. के मिश्रा, के. एन. उपाध्याय, सुश्री रचना श्रीवास्तव, पी. के. पाण्डेय, पी. आर सिन्हा, कल्याणी देवराजन, एमिका चैटर्जी, सुश्री शैली हर्ष, पीयूष जोशी, मनीष शर्मा, ए. के. राय, अजय रवानी, विल्सन सहित सभी अध्यापकों का सराहनीय योगदान रहा।