दुद्धी।(भीमकुमार) दुद्धी पशुपालन विभाग की अधिकांश योजनाएं बैंकों की उदासीनता की वजह से फेल होती दिखाई दे रहा हैं। पशु विभाग की स्वीकृति के बाद भी बैंक किसान पशु पालकों को लोन नहीं दे रहा है। जबकि विभाग राज्य सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर किसानों का गारंटर बनाता है। इसके बावजूद बैंक किसानों को लोन नहीं दे रहा है।
उपमुख्यपशुचिकित्साधिकारी डॉ प्रदीप सिंह ने बताया कि पशुपालन हेतु पशु पालकों के लिए सरकार द्वारा यह योजना बनाई गई है कि 1 लाख से 3 लाख तक का लोन देगी। पर बैंक अधिकारी टाल-मटोल कर रहा है तो विभाग अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है। किसानों के साथ बैंकों का ऐसा रवैया तब है जब पशुपालन विभाग की योजनाओं का चयन कमेटी के अध्यक्ष खुद जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक(एलडीएम) होते हैं। इसके अलावा चयन कमेटी में जिला पशुपालन अधिकारी, मत्स्य अधिकारी और उद्योग विभाग के जीएम सदस्य होते हैं। विभाग की महत्वपूर्ण योजनाएं फेल होती दिखाई दे रहा है जो पशुपालन विभाग की योजनाओं पर बैंक पानी फेर कर पशु पालकों के भीतर विश्वास पर पानी फेरने का काम कर रहा है।