धर्म डेस्क।दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार है- कार्तिगाई दीपम्, जिसे दक्षिण भारतीय हिन्दू लंबे समय से मनाते आ रहे हैं।
* इस अवसर पर श्रद्धालु शाम को अपने घरों और आसपास तेल के दीपक जलाकर खुशियां मनाते हैं।
* कार्तिकाई दीपम का नाम कृत्तिका नक्षत्र से लिया गया है, इसीलिए इसे कार्तिकाई कहा जाता है क्योंकि इस दिन कृत्तिका नक्षत्र प्रबल होता है।
धर्मधारणा के अनुसार भगवान श्रीविष्णु और ब्रह्मा के समक्ष अपनी अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए भगवान शिव ने स्वयं को प्रकाश की अनन्त ज्योत में बदल लिया था, इसीलिए कार्तिगाई दीपम भगवान शिव की सर्वोच्च सत्ता के सम्मान के रूप में मनाया जाता रहा है.
* धर्म में दीपक का विशेष महत्व है क्योंकि यह अंधकार की नकारात्मकता को दूर करता है और यदि अंखड दीपक प्रज्ज्वलित किया जाए तो पूजा-साधना के शुभ परिणाम शीघ्र प्राप्त होते हैं!
– आज का राशिफल –
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम 25:10 तक:
मेष, मिथुन, कर्क,
तुला, वृश्चिक, कुम्भ
*कन्या राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
उसके पश्चात –
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक:
वृषभ, कर्क, सिंह,
वृश्चिक, धनु, मीन
*तुला राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
– शुक्रवार का चौघडिय़ा –
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- चर पहला- रोग
दूसरा- लाभ दूसरा- काल
तीसरा- अमृत तीसरा- लाभ
चौथा- काल चौथा- उद्वेग
पांचवां- शुभ पांचवां- शुभ
छठा- रोग छठा- अमृत
सातवां- उद्वेग सातवां- चर
आठवां- चर आठवां- रोग
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग
शुक्रवार, 26 जुलाई 2019
मासिक कार्तिगाई
शक सम्वत 1941 विकारी
विक्रम सम्वत 2076
काली सम्वत 5121
दिन काल 13:37:19
मास श्रावण
तिथि नवमी – 19:58:15 तक
नक्षत्र भरणी – 18:57:09 तक
करण तैतिल – 07:46:09 तक, गर – 19:58:15 तक
पक्ष कृष्ण
योग शूल – 08:44:05 तक
सूर्योदय 05:38:49
सूर्यास्त 19:16:09
चन्द्र राशि मेष – 25:09:47 तक
चन्द्रोदय 25:02:00
चन्द्रास्त 13:39:59
ऋतु वर्षा
दिशा शूल: पश्चिम में
राहु काल वास: दक्षिण-पूर्व में
नक्षत्र शूल: कोई नहीं
चन्द्र वास: पूर्व में 27:10 तक, दक्षिण में 27:10 से