सोनभद्र ।

इस पूरे घटना पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने कहा कि जिस जमीन को लेकर आज इतनी बड़ी घटना घटी है वह सिर्फ जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ है जिसमे 10 आदिवसियों को अपनी जान गवानी पड़ी और दर्जनों घायल हुए है। यह जमीन का मामला 17 दिसम्बर 1955 को तहसीलदार रावर्ट्सगंज ने ग्राम समाज की 639 बीघा जमीन आदर्श कॉपरेटिव सोसाइटी के नाम कर दिया था। जो 1966 में सहकारिता समिति अधिनियम यूपी के लागू होने के बाद स्वतः ही समाप्त हो गया। इसके बावजूद भी 6 सितंबर में 1989 को पूर्व आईएएस प्रभात मिश्रा व उनकी पत्नी आशा मिश्रा , बेटी विनीता शर्मा और दामाद भानु शर्मा के नाम कर दिया गया जो 17 अक्टूबर 2017 में ग्राम प्रधान को बैनामा कर दिया जिसकी दाखिल खारिज 6 फरवरी 2019 में हुई है। इस मामले को आदिवासी गोंड लोगो ने जिला प्रशासन से शिकायत किया था लेकिन प्रशासन ने गम्भीरता से नही लिया। आज इस घटना से पूर्व आदिवासी गोंड़ लोग मंडलायुक्त के पास शिकायत करने जा रहे थे कि ग्राम प्रधान के लोगो द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया। इस घटना के सम्बंध में मुख्यमंत्री से पूरे दस्तावेज के साथ मिलकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ निष्पक्ष जांच किया जाएगा ताकि आदिवासियों के साथ किसी तरह का अन्याय न होने पाये और आदिवासियों को उनकी भूमि का अधिकार मिल सके।
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