(अरुण पांडेय/ विवेकानंद)
बभनी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य व राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र बभनी में आयरन फोलिक ऐसिड का प्रशिक्षण नोडल शिक्षकों व आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को दिया गया। प्रशिक्षण में आयरन के महत्व के बारे में बताने के साथ ही किस तरह से आयरन शरीर के अंदर पहुंचना चाहिए,उसके बारे में विस्तार से जानकारियां दीं गईं।मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आयोजित प्रशिक्षण के दौरान डा.प्रदीप कुमार प्रभाकर, डा.अरविन्द कुमार, आरबीएसके के ब्लाक क्वार्डिनेटर सारिका जायसवाल,बीपीएम ओम प्रकाश (ओपी) आदि की टीम ने मौजूद लोगों को बताया कि आयरन की गोलियां किस तरह से किशोर व किशोरियों को देनी चाहिए।
प्रशिक्षकों ने बताया कि स्कूलों के बच्चों की साफ-सफाई व समय से उनको आयरन की गोलियां देनी चाहिए। इसके साथ ही बताया कि 10 से 19 साल तक की आयु के किशोर व किशोरियों को ऐनीमिया की बीमारी होती है। जिसमें आयरन की मात्रा काफी प्रभाव डालती है। इसमें शाकाहारी व मांसाहारी स्त्रोतों से आयरन की मात्रा पूरी की जा सकती है। साफ-सफाई व संक्रामक से बचाव के बारे में भी बताया गया।
बीपीएम ओम प्रकाश ने प्रशिक्षण के बारे में बताया कि यह प्रशिक्षण तीन दिनो तक दो पालियो में चलेगा कुल मिलाकर छः बैच में सभी को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस दौरान एबीआरसी जगरनाथ,एनपीआरसी मोबीन अहमद,विनोद कुमार,कुलदीप सिंह,हौशला प्रसाद,राम नगीना यादव,विक्रम प्रताप सिंह,ममता देवी,चन्द्रवती देवी,परवेज खाँ,मसूद अहमद,स्वजल कान्त,गोपाल कुशवाहा सहित भारी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।