एजेंसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके दामाद ने सलाह दी थी कि यदि वह उत्तर कोरिया के साथ अमन कायम करने में सफल हो जाते हैं तो उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार मिल सकता है और ट्रंप ने अपने दामाद की सलाह मानकर ऐसा किया भी। एक नई किताब में दावा किया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जारेड कुशनेर ने 2017 में उनसे अनुरोध किया था कि ट्रंप उत्तर कोरिया के मुद्दे पर अलग नज़रियां अख्तियार करें और कहा था कि अगर वह अमन स्थापित करते हैं तो उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिल सकता है जैसे उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा को मिला था।
किताब कहती है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने वाकई में अपना दृष्टिकोण बदला । ट्रंप को उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच के इतिहास का पूरा ज्ञान नहीं था और उन्होंने 2017 में उसे जंग की धमकी डाली थी। इसके एक साल बाद ही वह उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ बातचीत की मेज़ पर आ गए। ‘सीज: ट्रंप अंडर फायर’ में माइकल वोल्फ एक बार फिर से पाठकों को ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के भीतर लेकर गए हैं।
इससे पहले उन्होंने ‘फायर एंड फ्यूरी’ नाम से किताब लिखी थी। यह किताब भी ट्रंप प्रशासन के पहले चरण पर आधारित थी। ‘सीज: ट्रंप अंडर फायर’ में वह कहते हैं कि ट्रंप ऐसे राष्ट्रपति की बात करते हैं जो करीब-करीब हर तरफ से निशाने पर है। वोल्फ के मुताबिक, कुशनेर खुद को हर मर्ज की दवा मानते हैं। उन्हें पूरी तरह इल्म था कि उनके ससुर की विदेश नीति संबंधी मामलों में रूची कम है। कुशनेर ने ट्रंप से कहा कि वह उत्तर कोरिया को लेकर अपने दृष्टिकोण पर फिर से विचार करें।
पुस्तक कहती है कि कुशनेर ने अपने ससुर ट्रंप से उत्तर कोरिया के मुद्दे पर अलग नज़रियां अख्तियार करने का अनुरोध किया और कहा कि अगर वह अमन स्थापित करते हैं तो उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिल सकता है जैसे उनके पूर्ववर्ती बाराक ओबामा को मिला था। इसके बाद ट्रंप और किम जोंग उन के बीच 12 जून 2012 को सिंगापुर शिखर वार्ता हुई।