सोनभद्र। जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने सिचाई विभाग के सभी खण्डों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में बताया कि नदियों व सिचाई के साधनों को संरक्षित करने का दायित्व सिचाई विभाग का है , सिचाई विभाग के विभिन्न घटक/खण्ड़ पूरी जिम्मेदारी के साथ जिले की नदियों के जल प्रवाह व नदियों के संरक्षण तथा सिचाई के साधनों को मजबूत करने का काम करे। वास्तव में सिचाई विभाग एक महत्वपूर्ण विभाग है, लिहाजा सिचाई प्रणाली में सुधार करे और नदियों को बचाने के लिए अभिनव प्रयोग भी करे।
जिलाधिकारी ने कहॉ कि अधिशासी अभियन्ता नहर प्रखण्ड जो मीरजापुर में रहते है, और सोनभद्र नही आतें किसानों की मॉग पर सोनभद्र जिले में सप्ताह में दो दिन जिले में रहने के लिए सक्षम स्तर पर पत्राचार करके सोनभद्र जिले में उपस्थिति सुनिष्चित कराई जाये। निर्देशो का अनुपालन सुनिष्चित न करने वाले अधिशासी अभियन्ता रिहन्द वीबी सिंह को नोटिस जारी करने तथा एक महीने के अन्दर रिहन्द जलाशय से जुडने वाली नदियों के किनारे पौध रोपण, नदियों के सरंक्षण से सम्बन्धी कार्ययोजना प्रस्तुत किया जाय, कार्ययोजना प्रस्तुत न करने पर सम्बन्धित खिलाफ कडी कार्यवाही की जाय।
उन्होने कहॉ कि बैठकों में जिम्मेदार अधिषासी अभियन्ताओं की मौजदूगी तय की जाय, सोनलिफ्ट कैनाल को क्रियाशील करने के साथ ही बाणसागर से अनुबन्ध के मुताबिक पानी का अंश प्राप्त किया जाय। जल व सिचाई संसाधन के निमित्त केन्द्रीय जल आयोग से अपेक्षित सहयोग लिया जाय। उन्होने कहॉ कि सोनलिफ्ट कैनाल की बिजली व्यवस्था को दुरूस्त कराया जाय। सिचाई से जुडे सभी खण्ड जिले की नदियों को संरक्षित करने तथा सिचाई के संसाधन को मजबूत करने के सम्बन्ध में अपने- अपने कार्यक्षेत्रों से जुडी नदियों के बरसात का पानी सचंयन करने सम्बन्धी कार्ययोजना एक महीने के अन्दर प्रस्तुत करे। उन्होने कहॉ कहनर परियोजना मे तेजी लाने के साथ ही विस्थापितों की समास्या का शत-प्रतिशत समाधान किया जाय।बैठक में जिलाधिकारी के अलावा जिला विकास अधिकारी रामबाबू त्रिपाठी, परियोजना निदेशक आर0एस0 मौर्या, सिचाई विभाग से जुडे सभी खण्डो के अधिकारीगण आदि मौजूद रहे।