बभनी/सोनभद्र। विकासखण्ड बभनी के बचरा ग्राम पंचायत में जल संचय के उद्देश्य से कच्ची बाउलीयों का कार्य कराया जारहा है जिसमें नई बाउली के साथ साथ पूरानी बोलियों के गहरी करण का कार्य मनरेगा के तहत किया जारहा है।जिसमें नियम कानून की पूरी तरह धज्जियां उड़ाई जारही है।नियम के अनुसार मनरेगा कार्य अस्थल पे मज़दूरों का हाज़री रजिस्टर मौज़ूद होना चाहिए व उपस्थित मज़दूरों की हाज़री रजिस्टर में अंकित होनी चाहिए ।
लेकिन बचरा ग्राम पंचायत में होरहे कार्य अस्थल पे न ही कोई हाज़री रजिस्टर रक्खा गया है और न ही मज़दूरों के लिये इस तपती धूप में पानी की ही ब्यवस्था की गई है वहां कार्य कररहे मज़दूरों से जब पूछा गया कि आपलोगों की हाज़री नहीं लिजाति है क्या तो मज़दूरों नें बताया कि शाम को मेठ कॉपी लेकर आते हैं उसी वक्त सबकी हाज़री लेते हैं।कुछ मज़दूरों नें नाम न छपाने के शर्त पे कहा की हम लोगों की मजदूरी काफ़ी मेहनत करनें के बाद भी 150रूपये भी नहीं बनती है।मिटटी के एमबी के हिसाब से मज़दूरी तय की जाती है।मज़दूरी कम बनने से व मौके पे हाज़री रजिस्टर न रखना घर बैठ कर मस्टररोल भरने से ऐ प्रतीत होता है कि हाज़री में हेरा फेरी की जाती है।
आज अखबार की टीम जब कार्य अस्थल पे पहुंची तो ।
रामबली के खेत में पूरानी बड़ी बाउली में कार्य चल रहा था ।मौके पे देखा गया तो टोटल 23 मज़दूर कार्य कररहे थे।
वहीं दूसरी बाउली पे पहुँची जो कैलाश के खेत में नई बाउली खोदी जारही थी जिसमे 19 मज़दूर कार्यरत थे।तीसरी बाउली गुलाब के घर के पास जो पूरानी बाउली थी उसमें भी कार्य चालू था मौके पे 20मज़दूर कार्यरत थे।
लेकिन तीनों कच्ची बाऊलियों पे चाहे वह नई हो या पूरानी किसी भी साइड पे हाज़री रजिस्टर मौजूद नहीं था।इस विषय पे प्रधान राजकुमार से बात कीगई तो बोले की मेठ के पास हाज़री रजिस्टर है।वह कहीं गया होगा अब सवाल ऐ उठता है कि क्या हर साइड का मेठ साइड से हाज़री रजिस्टर लेकर गायब रहता है तो ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक क्या करते हैं इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि कुछ न कुछ दाल में काला ज़रूर है ग्रामीण मज़दूरों नें उपरोक्त हेरा फ़ेरी के खेल की जांच करानें की मांग किया है ताकि जो मज़दूर पसीना बहा कर काम कररहे है उनकी पूरी मज़दूरी मिल सके व हेरा फ़ेरी कर भरष्टाचार्य करनें वालों पे नकेल कसा जासके जिससे सरकार के धन का बन्दर बाट नहो।