सोनभद्र।साहित्य,कला,संस्कृति के क्षेत्र में अनवरत रूप से कार्यरत विन्ध्य संस्कृति शाेध समिति सहयोगी संगठन मीडिया फोरम ऑफ इंडिया,सोन साहित्य संगम के संयुक्त तत्वाधान में नगर स्थित न्यू कॉलोनी के हरदापुरम में सोनभद्र के साहित्यकार एवं साहित्य विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस संगोष्ठी में हिन्दी जगत के मूर्धन्य विद्वान आचार्य रामचंद्र शुक्ल के वंशधर एवं प्रख्यात साहित्यकार चंद्रशेखर शुक्ल के पुत्र लोकतंत्र सेनानी, जिला बनाओ आंदोलन के अग्रणी नेता साहित्यकार, पत्रकार योगेश शेखर को माल्यार्पण कर अंगवस्त्रम् , स्मृति चिन्ह और साहित्यिक पुस्तके भेंट कर विन्ध्य रत्न की मानद उपाधि से अलंकृत एवं सम्मानित किया गया।
विचार गोष्ठी में अपना विचार व्यक्त करते हुए समिति के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी ने कहा कि साहित्यकार योगेश शेखर का राजनीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आपातकाल में शासन का जुल्म भी झेलते हुए जेलयात्राए भी किया और अनेकों आंदोलनों में भाग गया।
अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लम्बे समय से बीमार चल रहे साहित्यकार ,पत्रकार, संपादक जिला बनाओ आंदोलन के अग्रणी नेता योगेश शेखर सोनभद्र के साहित्य,इतिहास और राजनीति के क्षेत्र में अमूल्य योगदान है,इन्होंने अनेको आंदोलनों में भाग लिया और कामयाब रहे , ये जुल्म के आगे कभी झुके नहीं।हम इनके दीर्घायु होने की ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। कवियित्री डॉक्टर रचना तिवारी ने कहा कि साहित्यकार कभी मरता नहीं साहित्य में चिरकाल तक जीवित रहता है। सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे संगठन का मकसद यह रहा है कि नि स्वार्थ भाव से गद्य और पद्य के क्षेत्र में आने वाले नए साहित्यकारों को वरिष्ठ साहित्यकार अपने अनुभव का लाभ प्रदान करते हुए उन्हें आगे बढ़ाए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार, व्यंग्यकार सुशील राही ने योगेश शेखर के व्यक्तित्व कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि शेर शैय्या पर है लेकिन उसके किए गए कार्य की चर्चाएं हमेशा की जाती रहेंगी। गजलकार शिव नारायण शिव ने अपने गजल के माध्यम से उपस्थित साहित्य प्रेमियों की वाहवाही लूटी इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार, समाजसेवी,पत्रकारऔर योगेश शेखर के परिजन उपस्थित रहे।