
पेयजल को लेकर नगर समेत पूर्वांचल के कई जिलों की स्थिति चिताजनक है
जौनपुर। जिले के कई गांवों का पानी जहरीला हो गया है। हैंडपंपों से निकलने वाले पानी में नाइट्रेट, फ्लोराइड व आयरन के अंश जरूरत से अधिक मिले हैं। सबसे खराब स्थिति रामपुर, डोभी व मड़ियाहूं ब्लाक की है। पेयजल को लेकर नगर समेत पूर्वांचल के कई जिलों की स्थिति चिताजनक है।
अधिकतर लोग इस बात से अनजान हैं कि वह हैंडपंपों से पानी की बजाय मीठा जहर पी रहे हैं। धरती पर बढ़ता प्रदूषण पाताल तक पहुंच गया है। शुद्ध माने जाने वाले गांवों के हैंडपंपों का पानी भी जहरीला होता जा रहा है। फ्लोराइड युक्त पानी से जहां फ्लोरिसिस बीमारी होने का खतरा है, वहीं पानी में नाइट्रेट की अधिक मात्रा से गर्भवती महिलाएं ब्लू बेबी जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकती हैं। उद्योग नगरी भदोही से सटे रामपुर ब्लाक बेहद संवेदनशील है। इसके अलावा डोभी व मड़ियाहूं ब्लाक भी डेंजर जोन में शामिल हैं।
यहां पानी में नाइट्रेट, फ्लोराइड व आयरन के अंश सबसे अधिक पाए गए हैं। ब्लाक के तमाम गांवों आर्सेनिक युक्त पानी पाया गया है। रासायनिक युक्त इस पानी के लगातार सेवन से नर्व संबंधित तमाम बीमारियों के साथ ही ब्लड कैंसर होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के तहत तमाम जिलों में पानी की शुद्धता की जांच कराई जा रही है।
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