★ 150 साल बाद एएसआई ने शुरू किया था सिंगरौली में काम
★ खुदाई के दौरान टोपी वाले व्यक्ति की निकली थी नक्काशी
★ पुरातत्व विभाग ने खुदाई की अनुमति की रद्द, अवैध खुदाई बताया
★मंदिर के गर्भगृह से निकली थी विष्णु की अनोखी आकृति वाली मूर्ति
★ एक दूसरे पत्थर की नक्काशी में ब्राह्मी लिपि में रा और ला लिखा मिला
सिंगरौली।
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में तीन महीने पहले एक रहस्यमयी नक्काशी मिली थी। इस नक्काशी में बनी तस्वीर किसी दाढ़ी वाले विदेशी व्यक्ति जैसी थी, जिसके सिर पर एक टोपी थी। यह नक्काशी छठवीं शताब्दी के एक पत्थर में मिली थी। नायाब नक्काशी मिलने के बाद पुरातत्व विभाग ने वहां पर चल रहे खुदाई के काम को रोक दिया है। जिन पुरातत्वविदों ने इसकी खोज की, उन्हें वहां से वापस जाने को कहा गया है और उनके शोध को अनधिकृत बताया गया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निदेशक वीएन प्रभाकर ने खुदाई के काम को दी गई अनुमति का आदेश निरस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि खुदाई की अनुमति सिंगरौली जिले के टेंपल सर्वे प्रॉजेक्ट को परिदृश्य में अन्वेषण और धार्मिक वास्तुकल के पुरातात्विक अध्ययन के लिए दी गई थी। अवैध खुदाई के चलते यह अनुमति निरस्त की जा रही है।
एएसआई के अधिकारी बेचैन
एएसआई ने नगवा क्षेत्र में 150 साल बाद 20 से 25 स्थानीय लोगों के साथ खुदाई का काम शुरू किया था। जहां पर खुदाई प्रस्तावित थी, वहां पर कई पहाड़ों के होने का अंदेशा है। इस मामले में जांच कर रही डॉ. मधुलिका समता ने कोई भी कॉमेंट करने से इनकार किया है। सूत्रों की मानें तो मंदिर में खुदाई के दौरान ईंटों पर जो नक्काशी मिली है, उससे एएसआई के अधिकारी बेचैन हैं।