नई दिल्ली ।
भारी बहुमत से जीतकर सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार श्रम सुधारों को लेकर गंभीर है। सरकार संगठित और असंगठित क्षेत्रों में सभी प्रकार के रोजगार और श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम को लागू कर सकती है। अभी यह अधिनियम नियोजित रोजगार के कर्मचारियों तक ही सीमित है।
सरकार सभी क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी में एकरूपता लाने के लिए श्रम सुधारों पर तेजी से आगे बढ़ना चाहती है, खासकर यह देखते हुए कि 90 फीसद मजदूर असंगठित क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं।
श्रम कानूनों में बदलाव के लिए केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्रालय ने मजदूरी संहिता विधेयक, 2019 तैयार किया है। जल्द ही संसद में पेश किए जाने वाले इस विधेयक में अन्य कई प्रावधान शामिल किए गए हैं।
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