दिल्ली ।
महाराष्ट्र के मुंबई शहर में देर रात मानसून ने दस्तक दे दी। वडाला इलाके में हुई बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। देर रात हुई बारिश की तस्वीरें भी सामने आई हैं। ऐसे में एक ओर जहां दक्षिण भारत में मानसूनी बारिश शुरू हो गई है वहीं उत्तर भारत तक मानसून पहुंचने में अभी थोड़ा और समय बाकी है। बता दें मौसम विभाग ने 11 जून तक पूरे देश में मानसून पहुंचने की संभावना पहले ही जता चुका है।
केरल तट पर मानसून की दस्तक के साथ ही देश के ज्यादातर इलाकों में गर्मी का कहर जारी है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में तो तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के भी पार जा चुका है। देश के अन्य हिस्सों में मानसून के पहुंचने पर ही लोगों को बढ़ते तापमान से राहत मिलेगी।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का कहना है कि करीब एक सप्ताह में केरल से होते हुए देश के अन्य हिस्सों में मानसून पहुंचेगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा और पंजाब में 11 जून के बाद ही प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी, जब पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होगी। वहीं, पूर्वोत्तर में मौसम की स्थिति मानसून के अनुकूल होने से असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश के आसार हैं।
गौरतलब है कि उत्तर एवं मध्य भारत में भीषण गर्मी का असर पश्चिम और दक्षिणी राज्यों के जलाशयों पर भी पड़ा है। इन इलाकों में देश के प्रमुख जलाशयों का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है जिसकी वजह से महाराष्ट्र और राजस्थान सहित आसपास के तमाम सूखा ग्रस्त इलाकों में जल संकट की समस्या गहरा जाती है।
★ सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर
देश का ज्यादातर हिस्सा सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर है। इसलिए इसका बेसब्री से इंतजार किया जाता है। ग्रामीण भारत का अधिकांश हिस्सा सिंचाई के लिए चार महीने के मानसून पर आश्रित रहता है। मानसून सीजन में सालाना बारिश का 75 फीसदी पानी बरसता है। एक अच्छे मानसून का अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि भारत की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है।
★ पड़ सकता है अल-नीनो का प्रभाव
जून में बारिश पर अल-नीनो का प्रभाव पड़ सकता है। सामान्य तौर पर माना जाता है कि अल-नीनो का संबंध प्रशांत महासागर के पानी के गर्म होने से जुड़ा है। इसका मानसून पर असर पड़ता है। मानसून में देरी का सीजन में होने वाली बारिश के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। हालांकि, मानसून के आने में हुई देरी से देश के दूसरे हिस्सों में भी वह देरी से पहुंचेगा।
★ चुरू में 47 डिग्री के पार पहुंचा पारा
उत्तर भारत में हीटवेव का सितम जारी है। राजस्थान के चुरू में शनिवार को अधिकतम तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस रहा, बीकानेर और बाड़मेर में भी पारा 47 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह उत्तर प्रदेश के झांसी में दिन का अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री रहा, जो पूरे प्रदेश में सर्वाधिक है। मौसम विभाग ने रविवार को भी प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में हीटवेव जारी रहने का अलर्ट जारी किया है। हरियाणा और पंजाब में गर्मी से लोगों का बुरा हाल है। हरियाणा के नारनौल में पारा 45.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
★ महाराष्ट्र में सूखा, मध्य प्रदेश में नौ बंदर मरे
महाराष्ट्र में इस साल गंभीर सूखे की चपेट में है। राज्य के बांधों में महज 7.7 फीसदी पानी बचा है, जो बीते दस सालों में सबसे न्यूनतम स्तर है। मुंबई के शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने अपनी एक माह की सैलरी सूखाग्रस्त इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए दान की है। वहीं, मध्य प्रदेश में देवास के पंजापुरा वन क्षेत्र में 9 बंदरों की गर्मी के चलते मौत हो गई। बीते कुछ दिनों से यहां पारा 45 डिग्री के पार पहुंच गया है।