
नई दिल्ली ।
कश्मीर घाटी में आतंक के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन ऑल आउट से लगातार आतंकी संगठन सकते में है और सुरक्षाबलों से बचने के लिए अब आतंकी संगठन अपना “टेरर बेस” जम्मू में स्थापित करने की फिराक में हैं।
इस साल कश्मीर घाटी में हुए आतंकवादी अभियानों में 105 आतंकी मारे जा चुके हैं जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर और अंसार गंजवत उल हिंद का प्रमुख जाकिर मूसा भी शामिल है।
जम्मू में आतंक के नेटवर्क को एक्टिवेट करने के लिए आतंकी पाकिस्तान में बैठे हिजबुल मुजाहिदीन के हैंडलर्स का सहारा ले रहे हैं और वह सीमा पार से ही देश के भीतर पनप रही देश विरोधी ताकतों को सोशल मीडिया के जरिए उनके टारगेट का पता बताते हैं।
जम्मू में पनप रहे आतंक के इस “सोशल टेरर नेटवर्क” का खुलासा उस वक्त हुआ जब भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू के रत्नूचक सैन्य स्टेशन के बाहर से दो संदिग्धों, मुश्ताक़ अहमद और नदीम अख्तर, को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि वह पाकिस्तान में बैठे हिज्बुल मुजाहिदीन के हैंडलर अजीज के लिए काम करते हैं और सैन्य स्टेशन को आने वाले सभी रास्तों और सैन्य स्टेशन के वीडियो और तस्वीरें खींचकर उसे पाकिस्तान में सोशल मीडिया के जरिए भेजा करते थे।
पुलिस ने इन दोनों की निशानदेही पर ही पिछले 10 दिनों में जम्मू के अलग-अलग जिलों से चार ओर पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान सद्दाम हुसैन कठुआ जिले का निवासी, सफदर अली निवासी उधमपुर जिला, मोहम्मद सलीम और अब्दुल करीम कठुआ निवासी के रूप में हुई है।
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