
श्रीकांत का बचपन
श्रीकांत बोला का बचपन बहुत ही कठिनाइयों भरा रहा। परिवार की मासिक आय 1500 रुपए महीना थी, जो परिवार के खर्च चलाने के लिहाज से काफी कम थी। जब श्रीकांत का जन्म हुआ तो रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने उन्हें मार डालने की सलाह दी थी। लेकिन श्रीकांत की किस्मत में कुछ और ही था। श्रीकांत बोलै बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थे। पारिवारिक परिस्थितियां अनुकूल न होने के बावजूद भी श्रीकांत ने 10वीं में 90 फीसदी अंकों से पास की, उनकी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई, वह दसवीं के बाद साइंस से आगे की पढ़ाई करना चाहते थे। लेकिन उनके दिव्यांग होने के कारण, इसकी अनुमति नहीं मिली। लेकिन श्रीकांत ने भी अभी हर नहीं मानी। महीनों की लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार श्रीकांत को साइंस लेने की इजाजत मिल ही गई। श्रीकांत को अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करते 2009 में IIT के दाखिले के लिए भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आखिर कार अमेरिका के मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान में एडमिशन मिल ही गया।साभार पत्रिका
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal