सोनभद्र। जल ही जीवन है चाहे वह इंसान हो या जानवर । इंसान अपनी व्यवस्था स्वयं बना लेता है लेकिन जानवर प्रकृति या इंसान के भरोसे पर ही जीवित है। इंसान तो अपनी समस्यों को बोल कर सामने रख लेता है लेकिन जानवर यह नही कर पाते है ।
ऐसे में सोनभद्र में वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जानवरो के लिए कुछ अलग कर रहे है। सोनभद्र वन प्रभाग के मांची रेंज कार्यालय के पास स्थित जंगल मे बहुतायत की संख्या में लंगूर है। इस भीषण गर्मी में जहां जंगल के नदी , नाले व श्रोत सूखे पड़ जाने की वजह से जानवरो को पानी नही मिल पा रहा है तो इसकी व्यवस्था वन विभाग ने अपने कार्यालय परिसर में किया है। इस कार्यालय परिसर ही जंगल से आकर लंगूर पानी पीकर अपनी प्यास को बुझाते है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी के दिनों में जंगल के नदी व नाले सूखे पड़ चुके है जिसकी वजह से जानवरो के पानी की व्यवस्था रेंज कार्यालय में किया गया है जहां अधिकतर लंगूर आते है । जंगलों में पानी के लिए चेकडैम और तालाब खुदवाए है लेकिन इतनी गर्मी में सब सुख गया है। सूबे के सर्वाधिक वनाच्छादित सोनभद्र में गर्मी के दिनों में पानी के लिए जानवरो को भी दो चार होना पड़ रहा है। जबकि सोनभद्र वन प्रभाग के मांची वन रेंज के अधिकारियों ने जंगल मे बहुतायत की संख्या में पाए जाने वाले लंगूरों को पानी पीने के लिए कार्यालय में व्यवस्था किया है। यहां लगी नर्सरी में पानी देने के समय क्यारियों में पानी भर दिया जाता है। इस भीषण गर्मी में पानी के लिए जंगल से भटक कर आने वाले जानवर क्यारियों में भरे पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाते है। इस व्यवस्था पर वन दरोगा राजेन्द्र सिंह कहते है कि मांची वन रेंज में ज्यादातर लंगूर , जंगली सुअर व लकड़बग्घा व अन्य जानवर पाए जाते है। गर्मी के दिनों में प्रतिवर्ष पानी पीने की व्यवस्था किया जाता है इसके लिए कार्यालय में बनी नर्सरी की क्यारियों में पानी भर दिया जाता है। जंगलों में जानवरों के लिए चैकडैम और तालाबों को बनवाया गया है लेकिन वह सब सुख चुके है।
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