सोनभद्र।लोकसभा चुनाव और आचार संहिता समाप्त होने के बाद नियमानुसार प्रत्येक महीने के प्रथम और तीसरे मंगलवार को तहसील समाधान दिवस का आयोजन किया जाता रहा है। जिसके क्रम में सोनभद्र के तीनों तहसीलों में समाधान दिवस का आयोजन किया गया ।लगभग 4 महीने बाद लगे तहसील समाधान दिवस में समस्याओ को लेकर पीड़ितों की लाइन लगी रही ,लेकिन अधिकारी और कर्मचारी गंभीर नहीं दिखे।
यही कारण है कि राबर्ट्सगंज तहसील में समाधान दिवस का आयोजन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित होना था, लेकिन वह नदारद दिखे और सदर एसडीएम ने समाधान दिवस पर लोगों की समस्याओं को सुना।
इस दौरान सदर एसडीएम ने बताया कि आज का समाधान दिवस मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में होना था लेकिन वे जल संरक्षण के कार्यक्रम में लगे हुए हैं। चुनाव के बाद पहला समाधान दिवस का आयोजन किया गया है जिस में पेयजल की समस्या को लेकर अधिक लोग आ रहे हैं।
यहां पर पेयजल संकट है ।लोकसभा चुनाव और आचार संहिता समाप्त होने के बाद नियमानुसार प्रत्येक महीने के प्रथम और तीसरे मंगलवार को तहसील समाधान दिवस का आयोजन किया जाता रहा है जिसके क्रम में सोनभद्र के तीनों तहसीलों रावर्टसगंज घोरावल और दुद्धी तहसील में समाधान दिवस का आयोजन किया गया ।आज मुख्य तहसील समाधान दिवस का आयोजन जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में बुद्धि में किया गया तो वही रावत गंज तहसील में लगभग 4 महीने बाद लगे तहसील समाधान दिवस में समस्याएं लेकर पीड़ितों की लाइन लगी रही लेकिन अधिकारी व कर्मचारी नदारद दिखे यही कारण है कि रावत गंज तहसील में समाधान दिवस का आयोजन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित होना था लेकिन वह नदारद दिखे और सदर एसडीएम ने समाधान दिवस पर लोगों की समस्याओं को सुना साथ ही महिला कर्मचारियों समेत अन्य लोग मोबाइल पर व्हाट्सएप पर बिजी दिखे इस दौरान लोग पानी बिजली और जमीन से जुड़ी समस्याओं को लेकर आए हुए थे काशील समाधान दिवस में आए एक पीड़ित ने बताया कि मेरे घर के ऊपर से बिजली का तार गया है जिस को हटाने के लिए कई बार अधिकारियों से मिला और शिकायत किया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई आज फिर आए हुए हैं अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग मिल जाएंगे तुम से शिकायत करेंगे नहीं तो तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र देंगे।
इस दौरान सदर एसडीएम यमुनाधर चौहान ने बताया कि आज का समाधान दिवस मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में होना था लेकिन वे जल संरक्षण के कार्यक्रम में लगे हुए हैं। चुनाव के बाद पहला समाधान दिवस का आयोजन किया गया है जिस में पेयजल की समस्या को लेकर अधिक लोग आ रहे हैं। यहां पर पेयजल संकट है ।