कोलंबो एजेंसी।श्रीलंका में बौद्ध समुदाय के भिक्षुओं के आमरण अनशन और इलाके के तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए सोमवार को दो मुस्लिम गर्वनरों ने इस्तीफा दिया था। इसके कुछ देर बाद ही सभी मुसलमान मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया। अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी प्रांत के गर्वनर अजथ सल्ली और पूर्वी प्रांत के गवर्नर एमएएलएम हिसबुल्ला ने अपने इस्तीफे राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को सौंप दिए। राष्ट्रपति सिरिसेना ने गवर्नरों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। हालांकि, सल्ली और हिसबुल्ला इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं।
मंत्रियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया :-
इसके कुछ देर बाद ही आतंकवादियों को समर्थन करने के आरोपों का विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल सभी आठ मुस्लिम मंत्रियों, उप मंत्रियों और राज्य मंत्रियों ने एकजुट होकर इस्तीफा दे दिया। इनमें शामिल तीन मंत्रियों और पांच कनिष्ठ मंत्रियों ने अपने विभागों से इस्तीफा दिया। हालांकि, अपनी पार्टी से अलग नहीं हुए हैं। इससे प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के संसदीय गठबंधन पर कोई खतरा नहीं है।
इस्तीफा सरकार को मजबूती देगा:-
गवर्नर हिजबुल्लाह ने कहा कि मैंने ईस्टर्न प्रोविंस के गवर्नर के रूप में ईमानदारी और सच्ची निष्ठा के साथ देश में रहने वाले हर एक समुदाय के हित में काम किया। इसके बावजूद कुछ नस्लवादी ताकतों ने मेरे समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश के तहत बिना किसी कारण मेरा इस्तीफा मांगा। साथ ही मुस्लिमों के लिए सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनका इस्तीफा सरकार को मुस्लिम समुदाय की रक्षा के लिए मजबूती देगा। वहीं सामूहिक इस्तीफे के बाद मुस्लिम मंत्रियों ने कहा कि पद छोड़ने के बाद सभी सांसद सरकार के साथ बने रहेंगे। हम सरकार नहीं छोड़ेंगे, हम सरकार की रक्षा करेंगे।
यूएनपी सांसद भूखहड़ताल पर :
21 अप्रैल को हुए ईस्टर हमले के बाद से श्रीलंका में कुछ मुसलमान संगठनों पर उंगलियां उठी थीं। पवित्र शहर कैंडी में चार दिन पहले बौद्ध भिक्षु अथुरालिये रतना थिरो गर्वनरों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए थे। उनके साथ हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे थे। बौद्ध भिक्षु रतना थिरो प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे की पार्टी यूएनपी के सांसद हैं। श्रीलंका में 21 अप्रैल को हुए एक के बाद एक आठ बम धमाकों में 253 लोगों की मौत हो गई थी।
समर्थन में आए लोग :-
श्रीलंकाई लोगों ने बौद्ध भिक्षुओं के समर्थन करने के लिए सोमवार को कुछ इलाकों में दुकानों को बंद रखा था। साथ ही सार्वजनिक परिवहन को भी रोक दिया था।