बभनी /सोनभद्र(अरुण पांडेय/विवेकानंद)
वन विभाग की टीम के छूट रट रहे पसीने,हो रही विफल।
बभनी : स्थानीय रेन्ज बभनी
चाहे चैनपुर का रानीकोठी का जंगल (पहाण) हो या पोखरा ग्राम के मधुघुटरा मे वन विभाग के प्लानटेशन दोनो ही जगह वन विभाग आग पर काबु पाने मे असफलता ही हासिल की। बीते कुछ माह बारी बारी करके चैनपुर रानीकोठी के जगल मे बारी बारी आग लगने से हजारो पौधे,वन्य सम्पदा आग की भेट चढ गये ।बारी बारी करके सारे जगल को चारो तरफ से आग ने अपने चपट मे ले लिया। उसी प्रकार बारी बारी करके मधुघुटरा के प्लान्टेश को भी जला डाला । बीते शनिवार की दोपहर अज्ञात कारणों से वन रेन्ज के मधुघुटरा प्लानटेशन मे आग लग गई। जिससे कई बीघा मे प्लान्टेशन मे लगाये गये सेमिया आदि के हरे भरे पौधे और वन संपदा जलकर खाक हो गई।हजारों की संख्या में हरे भरे छोटे पेड़ पौधे जलकर नष्ट हो गए ।

जानकारी के अनुसार शनिवार की दोपहर लगभग बारह बजे के करीब बभनी आसनडीह मार्ग पर सडक के किनारे मधुघुटरा प्लानटेशन में आग के लपटे उठी।आग लगने से पेड़-पौधे धूं-धूं कर जलने लगे। पेड़-पौधें के जलने से बढ़ रही आग से स्थानीय लोगो में हड़कंप मच गया। प्लानटेशन में लगी आग बिकराल धुप मे भीषण हो गई। देखते ही देखते आग ने अपनी चपेट मे सडक के किनारे लगे कई बीघे मे पुरे प्लान्टेशन अपने चपेट मे ले लिया।लगभग हजारो सेमिया के हरे भरे पोधे झुलस कर नष्ट हो गये । ग्रामिणो की सुचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुँचकर भीषण आग पर काबू पाने का भरसक प्रयास किया लेकिन वन विभाग की टीम मौके पर पहुची तब तक काफी लेट हो चुका था।
घन्टो की कड़ी मशक्कत के बाद भी प्लान्टेशन के पौधो को आग से बचाने मे वन विभाग की टीम असफल रही। सारे प्लान्टेशन के पौधे झुलस कर नष्ट हो गये है । स्थानीय ग्रामिणो की माने तो सडक के किनारे महुआ के बडे बडे पेड है । जिसकी छाया मे सडक के किनारे ट्रक ,ट्रेलर आदि गाडियो के चालक किनारे गाडी लागाकर बिश्राम करते है। ऐसा भी हो सकता है की कोई बीडी सिगरेट आदि पीकर फेक दी होगी । अौर जिससे आग पकड ली होगी ।कुछ लोगो का कहना है कि इसके पुर्व भी दो बार प्लान्टेशन मे आग लग चुकी है जिससे काफी पौधे नष्ट हो गये थे। इस लिये किसी शरारती तत्वो द्वारा बार बार आग लगाई जा रही है ।
*प्लानटेशन के झुलसे पौधो को काट कर लकडहारा बना रहे जलावनी व झांखियां*
प्लानटेशन मे आग लगने से पौधे झुलस जाने से पौधो की पत्तियां झर जाती है। उन पौधो को गांव की कुछ महिलाये व लकडहारो द्वारा पौधो को काट कर जलावनी व झाखियां बनाने के लिये काट कर ले जा रहे है। यदि ये पौधे काटने से सुरक्षित बच जाते तो हो सकता है कुछ पौधे पनप कर तैयार हो जाते । बभनी रेन्ज मे वन कर्मियों की काफी कमी है। एक वाचर या वन दरोगा के अन्दर कई बीट का जिम्मेदारी दिया गया है। इस लिये पौधो की कटान रोकने मे भी वन विभाग पुरी तरह मुस्तैद नही नजर आ रहा है।
5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया जाता है। तथा इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागृत करना और आम जनता को प्रेरित करना होता है जल, वायु, भूमि – इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानव, पौधों, सूक्ष्म जीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि पर्यावरण के अंतर्गत जो आते हैं।लेकिन पर्यावरण को लेकर जब तक आम जनमानस मे चेतना जागृति नही होगी तब तक पर्यावरण की रक्षा कर पाना काफी मुश्किल होगा।
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