सोनभद्र।खनन, राजस्व व पुलिस विभाग की लंबी फौज के बावजूद सोन नदी में अवैध बालू खनन का कार्य धड़ल्ले से हो रहा है। इसकी पुष्टि एक नहीं, कई बार हुई है लेकिन कार्रवाई महज कोरम ही हो सकी है। एक बार फिर मामला पकड़ में आने पर खनन विभाग ने घोरावल कोतवाली में तहरीर देकर आठ कास्तकारों सहित कुल दस लोगों पर अवैध खनन के मामले में मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें वन्य जीव रक्षक की भी संलिप्तता बताई जा रही है। इस कार्रवाई से अवैध खनन करने और कराने वालों में हड़कंप मच गया है।
कई दिनों से अवैध खनन की मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए खनन विभाग राजस्व निरीक्षक व पुलिस को साथ लेकर गुरुवार को घोरावल इलाके में सोन नदी के तट पर पहुंचा। वहां कोरट में जांच की गई तो वहां अवैध खनन नहीं मिला। इसके बाद जब टीम शिल्पी इलाके में सोन नदी का तट देखने पहुंची तो वहां अवैध खनन की पुष्टि हो गई। खान निरीक्षक ने घोरावल कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि शिल्पी के आठ कास्तकारों की जमीन में दो लोगों द्वारा अवैध खनन कराया जा रहा था। अवैध खनन कराने वालों में रंजीत सिंह निवासी हिनौती व कुलदीप निवासी घोरावल शामिल हैं। जांच में पता चला कि वन्य जीव रक्षक की संलिप्तता में अवैध खनन हो रहा था। इस दौरान कास्तकारों व अवैध खनन कराने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। टीम मामलों की जांच कर रही है। बता दें कि कोरट, शिल्पी इलाके में बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन किए जाने का मामला अक्सर सामने आता रहता है।