
बीजिंग: चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में कहा है कि हम भारत से काफी आगे निकल आए हैं। दोनों देशों के बीच फासला काफी अधिक बढ़ गया है. चीन की इकोनॉमी 13.6 ट्रिलियन की है, वहीं भारत की इकॉनमी अभी 2.8 ट्रिलियन के ही आसपास है।. ऐसे में भारत को अपना ग्रोथ रेट कई गुना बढाना होगा।. किन्तु इसके साथ ही अखबार ने पीएम मोदी के आर्थिक सुधारों और कुछ सेक्टर्स में तरक्की की प्रशंसा की है।
अखबार ने आगे लिखा है कि बेशक भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट गत पांच वर्षों में 6.7 या इससे ऊपर चले गई है. ।किन्तु सांख्यिकी वजहों से आंकड़ों पर प्रभाव पड़ा है. चूंकि मोदी सरकार ने जीडीपी को कैलकुलेट करने की प्रणाली और आधार वर्ष बदल दिया है, लिहाजा नए ग्रोथ के आंकड़े संदेह उत्पन्न करते हैं।
अखबार ने आगे यह भी लिखता है कि गत कुछ वर्षों में हालात भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाने वाले रहे हैं, मसलन अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेलों के दाम कम हो गए.। भारत प्रति वर्ष इस पर खासा धन खर्च करता है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल के दामों में उतार चढ़ाव का प्रभाव भी घरेलू मुद्रास्फीति पर पड़ा होगा. भारतीय अर्थव्यवस्था को ग्लोबल ऊर्जा दामों से लाभ पहुंचा है।
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