चेन्नई. टेनिस सुपरमॉम के नाम से मशहूर मैगी अमृतराज का शनिवार को निधन हो गया। वे 92 साल की थीं। वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उन्हें 21 मार्च को स्ट्रोक के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मैगी को पिछले सोमवार को डिस्चार्ज किया गया था। चेन्नई के नुंगमबक्कम में सेंट टेरेसा चर्च में 23 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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वे पूर्व डेविस कप विजेता विजय अमृतराज, आनंद अमृतराज और अशोक अमृतराज की मां थीं। टेनिस और व्यवसाय के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कर चुकीं मैगी अमृतराज ने 1985 में ब्रिटानिया अमृतराज टेनिस एकेडमी (बैट) की स्थापना की थी। मैगी अमृतराज एक सफल व्यवसायी रह चुकी हैं।
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1975 में वे मुर्गी फॉर्म चलाती थीं। मैगी को बचपन से टेनिस का शौक था। वे स्कूल के दिनों में टेनिस खेला करती थीं। उन्होंने चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज से पढ़ाई की। मैगी ने यूनिवर्सिटी लेवल के टेनिस टूर्नामेंट में अपने कॉलेज का प्रतिनिधित्व भी किया था। टेनिस से जुड़ाव के कारण उन्होंने तीनों बेटों को भी टेनिस का खिलाड़ी बनाया।
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उनके बड़े बेटे विजय अमृतराज 10 साल के थे, जब वे गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। तब मां ने बीमारी से उबारने के लिए उन्हें टेनिस खेलने के लिए प्रेरित किया था। वे सुबह 5 बजे आनंद और अशोक को प्रैक्टिस कराने के लिए मैदान लेकर जाती थीं। वे सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक का समय अपने कारोबार को देतीं। फिर विजय को एकेडमी ले जातीं। रात 10 बजे वहां से लौटकर आतीं।
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उन्होंने इंटरव्यू में कहा था कि मैं अपने परिवार की ऑफिशियल ड्राइवर हूं, जो कभी छुट्टी नहीं लेती। उनकी इस मेहनत का ही नतीजा था कि महज 12 साल की उम्र में विजय नेशनल चैंपियन बन गए थे। मैगी ने करीब 20 साल तक एकेडमी का संचालन भी किया। उनके परिवार को भारत में ‘टेनिस की फर्स्ट फैमिली’ कहा जाता है। उनकी एकेडमी ने देश को टेनिस चैंपियन लिएंडर पेस व सोमदेव देववर्मन जैसे खिलाड़ी दिए हैं।