लाइफस्टाइल डेस्क. दुनिया की सबसे रहस्यमय मोनालिसा की तस्वीर के बारे में अमेरिकी शोधकर्ता ने नए खुलासे किए हैं। टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डॉ. माइकल याफी ने मोनालिसा की मुस्कान और सूजे हुए गले का कारण बताया है। साथ ही डॉ. माइकल ने पिछले कुछ सालों मोनालिसा को हायपरथायरॉडिज्म और मसल डिसऑर्डर बतानेवाली रिसर्च को खारिज किया है। उनका दावा है कि लोगों को प्रेरित करने वाली मोनालिसा न तो हायपर-थायरॉइडिज्म से प्रभावित रहीं, न ही रहस्यमय मुस्कान का कारण मांसपेशियों और ब्रेन डिसऑर्डर से जुड़ा है।
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दुनिया की इस सबसे मशहूर पेंटिंग को लियोनार्डो दा विंसी ने बनाया था। इस पर पिछले कई सालों से रूमेटोलॉजिस्ट और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट शोध कर रहे हैं। उनका कहना था कि करीब 100 साल पहले तस्वीर बनवाने के दौरान औरत बैठी रही, जिसे स्किन प्रॉब्लम और शरीर में सूजन की समस्या थी। इसका कारण लिपिड डिसऑर्डर था। इतना ही नहीं, वह हृदय रोग और मसल डिसऑर्डर से भी जूझ रही थीं।
रूमेटोलॉजिस्ट और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के दावों को डॉ. माइकल याफी ने खारिज किया है। उनका कहना है अगर वह किसी बीमारी से जूझ रही होती तो तस्वीर में लक्षणदिखाई देते। मांसपेशियों से जुड़ी बीमारी होने पर वह तस्वीर बनवाने के लिए बैठ ही नहीं पाती।
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डॉ. माइकल याफी टेक्सास यूनिवर्सिटी के पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी में बतौर प्रोफेसर काम कर रहे हैं। उन्होंने उस दावे को भी खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि मोनालिसा को थायरॉइड की समस्या थी जिसके कारण गर्दन बढ़ी हुई दिख रही थी और चेहरे की मांसपेशियां कमजोर हो गई थी।
जारी किए गए एक बयान में डॉ. माइकल ने बताया है, मैंने महसूस किया है कि व्यक्तिगत तौर पर आकर्षक व्यक्तित्व वाली मोनालिसा का बचाव करना जिम्मेदारी की तरह है क्योंकि पिछली कुछ शताब्दियों तक इस तस्वीर ने हजारों लोगों को को प्रेरित किया है।
मैं दूसरे लोगों की तरह नहीं सोच सकता है कि वह हाइपोथायराॅयडिज्म से पीड़ित थीं, मुझे लगता है यह यूथायरॉइड था, इसका मतलब है उनका थायरॉयड सामान्य था। -
डॉ. माइकल के मुताबिक, ज्यादातर आर्टिस्ट अपनी कृतियों में वही दर्शाते हैं जो समाज में देखते हैं। पेरू के रेगिस्तान में जुड़ी प्राचीन एंडियन और इजिप्ट की सभ्यता में एक बात सबसे कॉमन दिखती है। यह है गले में घेंघा क्योंकि इन क्षेत्रों में आयोडिन की कमी थी। मोनालिसा भी टस्कनी की रहने वाली थीं, वहां की स्थिति भी ऐसी ही थी।
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डॉ. माइकल के मुताबिक, कुछ समय पहले डॉक्टरों ने अपने शोध में लिखा था कि मोनालिसा की मांसपेशियां कमजोर थीं अगर ऐसा होता है तो वह घंटों बैठकर पेंटिंग बनवाने में समर्थ नहीं होती। तस्वीर में त्वचा पीली दिखने पर डॉ. माइकल कहते हैं कि पेंटिंग को बने हुए काफी समय बीत चुका है, इस कारण इसमें पीलापन दिखाई देता है। चिकित्सीय रूप से इसका पता लगाना काफी मुश्किल है।
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डॉ. माइकल का कहना है कि ऐसा भी कहा जाता है कि तस्वीर बनवाने से पहले वह प्रेग्नेंट हो चुकी थीं और पेरिपार्टम थायरॉइडिटिस से परेशान थी। डिलीवरी के कुछ समय बाद महिलाओं की थायरॉइड में सूजन की समस्या हो सकती है लेकिन ऐसा कुछ समय के लिए ही होता है। इटली की रहने वाली मोनालिसा के व्यक्तिगत जीवन की जानकारी बहुत कम ही उपलब्ध है।
पिछली कई रिसर्च में दावा किया गया है पेंटिंग को देखकर लगता है मोनालिसा के हाथ में सूजन है और बाल काफी पतले होते जा रहे हैं।
लंदन के बिरघम स्थित हार्ट एंड वेस्कुलर सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. मंदीप आर मेहता कहते हैं ये लक्षण हायपरथायरॉडिज्म को दर्शाते हैं लेकिन प्रेग्नेंसी के बाद थायरॉयड ग्रंथि में हुई सूजन इसका कारण हो सकती है। इटली में उस दौरान लोगों के खाने में आयोडिन की कमी होती थी, यह गले में घेंघा का कारण हो सकता है।
हायपोथायरॉडिज्म वो स्थिति है जब थायरॉयड ग्रंथि शरीर में हार्मोन को अधिक मात्रा में नहीं रिलीज कर पाती, जिसके कारण बालों का पतला होना, चेहरे पर पीलापनऔर घेंघा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।