कुछ हिंदू तो कुछ मुसलमान की बात करते हैं , हम तो हैं वो जो हिंदुस्तान की बात करते हैं – रामकृष्ण द्विवेदी

नारी हूँ मैं नारी हूँ , ईश्वर की कृति न्यारी हूँ -विजय लक्ष्मी संवेदना

कविता न केवल हमारा मनोरंजन करती है अपितु प्रेरक शिक्षाओं से परिचित कराती है -के पी यादव

हिण्डाल्को रेनुसागार में अखिल भारतीय कबि सम्मलेन का भव्य आयोजन

पसंदीदा कवियों को सुनने के लिए पूरा रेनुसागार उमड़ पड़ा

रेनुसागर सोनभद्र।कुछ हिंदू तो कुछ मुसलमान की बात करते हैं ,
हम तो हैं वो जो हिंदुस्तान की बात करते हैं ।उक्त पंक्तियां भोपाल से आये राष्ट्रिय कवि रामकृष्ण द्विवेदी ने रामनवमी के शुभ अवसर पर रेनुपावर स्टाफ क्लब रेनुसागार द्वारा हिण्डाल्को रेनुपावर के प्रेक्षागृह में शनिवार को आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मलेन के भव्य आयोजन में सुनाई तो प्रेक्षा गृह में बैठे श्रोताओ ने परम आनंद की अनुभूति करते हुये मन्त्र मुग्ध होते दिखाई पड़े। कवियों ने सामाजिक माहौल पर शब्दों के तीर चलाए। हर कविता पर तालियां बजती रहीं और देर रात तक श्रोताओं ने इसका लुत्फ लिया।रात आठ बजे शुरू हुए कवि सम्मेलन से पहले ही प्रेक्षा गृह खचाखच भर चुका था। लग रहा था कि अपने पसंदीदा कवियों को सुनने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा ।इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि हिण्डाल्को रेनुपावर के अध्यक्ष ऊर्जा के पी यादव ,दिशिता महिला मंडल की अध्यक्षा इंदु यादव,हेड एच आर शैलेश विक्रम सिंह,आर.पी. सिंह.एस बी बर्मा एवं आमंत्रित कविगण ने माँ सरस्वती का पुष्पार्चन कर दीप प्रज्ज्वलित कर काव्य संध्या का शुभारंभ किया । इसके बाद संचालन की जिम्मेदारी रामकृष्ण द्विवेदी ने संभाली। शुरुआत कवयित्री विजय लक्ष्मी शुक्ला द्वारा मां सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से हुई।कवि सम्मेलन को गति प्रदान करते हुये साहित्य रत्न से सम्मानित डाँ. आदेश कुमार पंकज ने तोप के सम्मुख वक्ष ताने हम खड़े हैं ,जीभ मेरी जल न पाती आग का भोजन किया है देश भक्ति कविता पढ़ी तो पूरा प्रेक्षा गृह तालियों की आवाज से गूंज उठा।

इक कुआँरी सी लड़की भी माँ बन गई ।
हर बशर पाक है तो बुरा कौन है काब्य रचना पढ़ कर बहर बनारसी विभिन्न हास्य रचनाओं से दर्शकों को लोटपोट कर दिया। ओजस्वी कवयित्री विजय लक्ष्मी शुक्ला ने नारियों पर आधारित रचना सुनाते हुए कहा कि नारी हूँ मैं नारी हूँ ,ईश्वर की कृति न्यारी हूँ की शानदार प्रस्तुति करण कर दर्शकों को भाव विभोर किया।

हास्य व्यंग्य के प्रसिद्ध कवि बृजेश पाण्डेय विभात

पाकर प्यारा नेह निमंत्रण मन सागर में उठी तरंगें ।
आतुर मन में मृदु अभिलाषा जगती प्यारी नयी उमंगें की प्रस्तुत काब्य श्रोताओं को देर रात्रि तक बाधे रखा।कवि सम्मेलन को गति प्रदान करते हुये अजीम कानपुरी ने आपस में भाई चारा का संदेश देते हुये कविता एक छोटी सी ये जिंदगी है ,किस लिये दोस्ती दुश्मनी है पढ़ कर वाहवाही लूटी।

साहित्यिक मुद्दों पर कि आजकल बुद्धि का लेखन लिखा जा रहा है, हृदय का नहीं। यही वजह है कि यादगार रचनाएं कम पढ़ने, सुनने को मिल रही हैं। श्रोताओं से संवाद स्थापित करने के दौरान नेताओं पर कटाक्ष करते हुये सुजान तिवारी ने
सुंदर पावन अति मन भावन सावन सा आयोजन है प्रस्तुत कर श्रोताओं को शव्द जाल में फसाये रखा। शिक्षा और साहित्य के बीच तारतम्य, महाभारत काल के पात्र और हाइटेक युग की चर्चाओं के बीच कविताएं भी सुनाई दीं। श्रृंगार, ओज, व्यंग और हास्य रस का अद्भुत संगम हुआ। देश के कोने-कोने से आए तमाम नामचीन कवियों ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी तो श्रोता भी देर रात तक तालियों की गड़गड़ाहट तथा वाह-वाह कर उनका उत्साहवर्धन करते रहे।
इसके पूर्ब समारोह का संयोजन एवं स्वागत सम्बोधन रामजतन गुप्ता ने की ।।कार्यक्रम के अंत में कवियों को स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुये मुख्य अतिथि हिण्डाल्को रेनुपावर के अध्यक्ष ऊर्जा के पी यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि कविता न केवल हमारा मनोरंजन करती है अपितु प्रेरक शिक्षाओं से परिचित कराती है । इस अवसर पर दिशिता महिला मंडल की सदस्याएं,आर सी पांडेय,सीताराम सिंह,आकाश खत्री,दीपक सिंह एवं मान्यता प्राप्त श्रम यूनियनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित क्लब के महासचिव आर पी सिंह ने की।

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