म्योरपुर वि. ख.क्षेत्र के पिण्डारी गांव के बिच्छी का नही बना पुल
वर्षा काल मे ग्रामीण स्वनिर्मित लकड़ी के पूल का
करते है प्रयोग
पंकज सिंह की विशेष रिपोर्ट@sncurjanchal.
म्योरपुर विकास खण्ड क्षेत्र के पिण्डारी गांव के ग्रामीणों ने गुरुवार को वर्तमान केंद्र एवं राज्य सरकार के विकास की दावों की पोल खोल कर रख दी,ग्रामीणों ने निर्णायक भूमिका निभाते हुए स्पष्ट कर दिया कि पुलिया नही तो मतदान नही उक्त गांव में बिच्छी नदी पर प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पिण्डारी से नगराज मार्ग पर निर्मित पुलिया जो निमार्ण वर्ष में ही बह गयी, ग्रामीणों के लिये अभिशाप बन चुकी है।
उक्त गांव में वर्ष 2015 में नगराज से पिण्डारी तक बनाये गये संपर्क पर बिच्छी पड़ता हैं निर्माणकर्ता द्वारा पुल का निर्माण कराया गया था ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण वाले वर्ष में ही पुलिया बह गयी,तब से अब तक लगभग दो हजार की आबादी वाले इस गांव के लोग वर्षाकाल में बिच्छी नदी पर लकड़ी के पुल के साहारे आवागमन बाहाल करते है।जान जोखिम में डाल बच्चे विद्यालय जाते है वही मरीजो एवं गर्भवती महिलाओं को चिकित्सालय तक समय से न पहुचने पर मुशीबतों का सामना करना पड़ता है।ग्रामीण श्याम मनोहर,गौतम यादव,बनवारी,फूलपति,सुरेश, सतई, लल्लन यादव का कहना है कि वे इस समस्या से क्षेत्रीय विधायक,सांसद,जिला पंचायत सदस्य, जिलाधिकारी सभी को अवगत करा समस्या के निस्तारण की कई बार गुहार लगा चुके है,हमारी कोई नही सुनता तो हमने भी इस लोक सभा के चुनाव में जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों को सबक सिखाने का मन बना लिया है कि जो पुलिया का निर्माण कराएगा हम उसे ही ओट देंगे अन्यथा मतदान का बहिष्कार करेंगे ग्राम प्रधान धीरेंद्र कुमार जायसवाल ने बताया कि पुलिया निर्माण के दौरान मानकों की अनदेखी एवं भ्रष्टाचार का बोलबाला था ग्रामीणों ने गुणवक्ता को लेकर आपत्ति की थी बाउजूद इसके अधिकारीयो ने ध्यान नही दिया परिणाम स्वरूप पुल पहली बारिश में ही बह गयी,ग्रामीण पुनः 100वर्ष पिछले स्थिति में रहने को विवश हो गये।पुल न होने से गांव के मजदूर काम पर ,बच्चे विद्यालय एवं मरीज एवं गर्भवती अस्पताल तक नही पहुँच पाते जिससे हमेशा जच्चा बच्चा के लिये खतरा बना रहता है।,इस समस्या से ग्रामीणों का धैर्य अब जवाब देने लगा,इस कारण ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार की बात कही है।