साइंस डेस्क. 42 हजार साल पुरानी विलुप्त हो चुकी घोड़े की प्रजाति को वैज्ञानिक वापस लाने में जुटे हैं। विलुप्त हो चुकी प्रजाति के घोड़े के बच्चे को साइबेरिया की बर्फ घाटी में सुरक्षित रखा गया है। इसे यहां की बफीर्ली घाटी में पाया गया था। शोधकर्ताओं का कहना है कि जब इसकी मौत हुई थी तो जब इसकी उम्र मात्र दो हफ्ते की थी। इसके डीएनए की मदद से दूसरा घोड़ा बनाने की कोशिश की जा रही है।
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रशिया और साउथ कोरिया के वैज्ञानिक इस प्राेजेक्ट पर कई महीनों से काम कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि बर्फ में रखे घोड़े के बच्चे की कोशिकाओं से नए घोड़े को तैयार किया जा सकता है। दुनिया के सबसे ठंडे शहर याकुत्सक की नॉर्थ ईस्ट फेडरल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है इसमें सफलता मिलने की पूरी उम्मीद है।
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अप्रैल के अंत तक प्रयोग खत्म हो जाएगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रयोग के शुरुआत में सामने आईं जानकारियां क्लोनिंग के प्रयास के लिए कोशिकाओं को निकालने में सकारात्मक जानकारी दे रही हैं। वर्तमान में टीम नए बच्चे के जन्म के लिए लिए मां को ढूंढने का प्रयास कर रही है ताकि प्राचीन घोड़े को दोबारा दुनिया में लाया जा सके।
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साउथ कोरियन क्लोनिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर हवांग वू-सुक के मुताबिक, इसकी प्रजाति की स्किन ऊनी है जिसके अवशेषों को प्रयोग करके इसे वापस लाया जा रहा है। रशियन शोधकर्ता डॉ लीना ग्रिगोरनेवा के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में सात शोधकर्ता शामिल हैं और सभी परिणामों को लेकर सकारात्मक हैं।