लंदन. दुनिया में 10 सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले फुटबॉल क्लब के कोच में 5 इंग्लैंड के हैं। वहीं, तीन स्पेनिश क्लबों के कोच भी इस लिस्ट में शामिल हैं। स्पेन के क्लब एटलेटिको मैड्रिड के डिएगो साइमवन सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले कोच हैं। उन्हें सालाना 320 करोड़ रुपए मिलते हैं। हालांकि, इन 10 कोच में से 3 कोच ऐसे भी हैं, जो फिलहाल किसी क्लब को कोचिंग नहीं दे रहे हैं। इस बीच, इंग्लिश प्रीमियर लीग में सभी क्लबों ने सिर्फ एजेंट्स पर 2340 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
क्लबों के एजेंट्स पर खर्च को देखा जाए तो लिवरपूल टॉप पर है। उसने 388 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। वहीं, टॉटेनहम हॉट्सपर क्लब इस साल का सबसे ज्यादा मुनाफे वाला क्लब रहा। उसे 1020 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ।
मॉरिन्हो का कॉन्ट्रैक्ट 240 करोड़ रुपए का था
साइमवन ने एटलेटिको से 2022 तक के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है। हालांकि दूसरे और तीसरे नंबर पर वे कोच हैं, जिन्हें उनके क्लब ने हटा दिया था। फिर भी उन्हें कॉन्ट्रैक्ट की पूरी राशि मिली। मैनचेस्टर यूनाइटेड के पूर्व कोच जोस मॉरिन्हो दूसरे और मोनाको के पूर्व कोच थिएरे हेनरी तीसरे नंबर पर हैं। मॉरिन्हो कॉन्ट्रैक्ट के मामले में इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) में नंबर-1 रहे। उनका कॉन्ट्रैक्ट 240 करोड़ रु. का था।
हेनरी से तीन साल के लिए 198 करोड़ रु. में कॉन्ट्रैक्ट किया था
फ्रेंच क्लब मोनाको ने थिएरे हेनरी से तीन साल के लिए 198 करोड़ रु. में कॉन्ट्रैक्ट किया था, लेकिन तीन महीने में ही उन्हें हटा दिया था। इंग्लिश क्लब आर्सेनल के आर्सेन वेंगर 22 साल तक कोच रहे। उनका कॉन्ट्रैक्ट 65 करोड़ रुपए था। लेकिन उन्होंने पिछले साल क्लब छोड़ दिया था। मैनचेस्टर सिटी के पेप गुआर्डिओला, टॉटेनहम हॉट्सपर के मॉरिसियो पोचेतिनो और लिवरपूल के जुर्गेन क्लोप टॉप-10 में शामिल इंग्लिश कोच हैं।
टॉटेनहम ने 9 हजार करोड़ का स्टेडियम बनवाने के बाद भी मुनाफा कमाया
टॉटेनहम को 2017-18 में 1020 करोड़ रुपए का फायदा हुआ। क्लब ने 9 हजार करोड़ का नया स्टेडियम भी बनवाया। फिर भी क्लब सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाला क्लब रहा। उसने पिछले बार के लिवरपूल के 950 करोड़ रु. के मुनाफे को पीछे छोड़ा। टॉटेनहम की कमाई 2410 करोड़ से बढ़कर 2950 करोड़ तक पहुंच गई।
ईपीएल क्लबों ने एजेंट्स पर पिछले साल की तुलना में 440 करोड़ रुपए ज्यादा खर्चे
ईपीएल के क्लबों ने 2018-19 में एजेंट्स पर 2340 करोड़ रुपए खर्च किए। यह पिछले सीजन की तुलना में 440 करोड़ रुपए ज्यादा है। वहीं, ईपीएल में टॉप पर चल रहे क्लब लिवरपूल ने एजेंट्स पर 388 करोड़ खर्च किए। चेल्सी 234 करोड़ रुपए के साथ दूसरे और मैनचेस्टर सिटी 216 करोड़ रुपए के साथ तीसरे नंबर पर है।
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