घोरावल/सोनभद्र(अनुराग पांडेय)युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल विभाग का सहयोगी संगठन युवक मंगल दल के कार्यकर्ताओं द्वारा घोरावल ब्लाक के क्षेत्रीय कार्यालय सरौली में शनिवार को शहीद दिवस के अवसर पर पुष्प अर्पित कर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस दौरान संगठन के जिलामंत्री मनोज कुमार दीक्षित ने शहीद भगत सिंह,राजगुरु व सुखदेव के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला।कहा कि शहीद भगत सिंगज का जन्म 28 सितम्बर 1907 को पंजाब प्रांत के जिला लैलापुर के बंगा गांव में हुआ था। तथा इनके पिता जी का नाम सरदार किसन सिंह तथा माता का नाम विद्यावती कौर था। इनके पिता तथा चाचा जी भी स्वतंत्रता संग्राम के दूत थे।इनके परिवार के सभी लोग परम वीर व शाहसी थे।भगत सिंह शुरू से ही निड़र व शाहसी थे।एक बार की बात है भगत सिंह अपने पिता के साथ खेत में गये।और अपने पिता जी से पूछा पिता जी आप ये खेत में क्या करते हो तो उन्होंने कहा हमलोग बिज बोते है।और उससे फसल होता हैं और ढेर सारा अनाज होता हैं। इसपर उन्होंने अपने पिता जी से कहा पिता जी अगर ऐसा ही है।तो आप लोग खेत में बंदूके क्यों नही बोते ताकि अंग्रेजो के मारने के काम आये और हमलोग के पास ढेर सारी बंदूके होंगी तो हमलोग डटकर उनलोगों के सामने मुकाबला करेंगे।इस पर भगत सिंह के पिता जी पूरी तरह से स्तब्ध रह गए थे।लेकिन फिर उन्होंने ये सोचा कि ये देश प्रेम का जज्बा रखता है।अपने दिल में और सरदार भगत सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद का नारा भी दिया था।भगत सिंह,राजगुरु और सुखदेव अपनी भारत मां की आजादी के लिए हंसते 23 मार्च 1931 में अपनी अल्पायु में हंसते हंसते गाते गाते फाँसी पे झुल गये। अपने प्राणों को देश पर न्यौछावर करने वाले इन वीर शहीदों को इनकी शहादत पर नमन किया जाता हैं।और कहा कि उन्होंने अपने अछूणव वीरता से अंग्रेज शत्रुवो के खतरनाक व कुत्सित इरादों को ध्वस्त कर अपना नाम इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में अंकित कराया। श्री दीक्षित ने कहा कि नौजवानों को उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा लेते हुए।राष्ट्रहित सर्वोपरि की भावना से कार्य करना चाहिए।गोष्ठी में युवक मंगल दल सदर ब्लाक के प्रभारी शाहिद खान,सामाजिक कार्यकर्ता बिरजू पटेल,यूपी पुलिस राकेश पाण्डेय,विनोद कुमार,छोटू यादव,रामजियावन मौर्य,सुरेंद्र पटेल,सूरज साहनी,रमेश खरवार,रामवृक्ष सिंह,छब्बू पॉल,अमरजीत यादव,महावीर निषाद,पुष्पराज, रिंकू खरवार आदि लोग उपस्थित रहे।