मोदी है तो मुमकिन’ है- फ्लॉप हुआ मैं भी चौकीदार लांच हुआ

तमन्ना फरीदी

लखनऊ।चौकीदार चौर है’ के जवाब में बीजेपी ने लॉन्च किया – मैं भी चौकीदार. बीजेपी अपने इस कैंपेन की कामयाबी बताने के लिए इसे जनआंदोलन का नाम दे रही हैं.।
मैं हूं चौकीदार’ के जवाब में ‘मैं भी हूं बेरोजगार’ अभियान भी शुरू हो चूका है ,करीब 90 करोड़ मतदाताओं के देश में सिर्फ ‘चौकीदार’ को ही लोकसभा चुनाव का मुद्दा बनाना कहा तक ठीक है इसका फैसला जनता को करना होगा वही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बीते कुछ महीनों से नारे लगवा रहे हैं-‘चौकीदार चोर है।’ बेशक कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता ही पार्टी की सभाओं, बैठकों, संबोधनों आदि में यह नारा बोलते रहे हैं क्या देश में कोई मुद्दा नहीं रह गया जनता की समस्याओं का अंत हो चूका है लगता है करीब 90 करोड़ मतदाता मैं भी चौकीदार,चौकीदार चोर है,मैं भी हूं बेरोजगार आधार पर वोट करेंगे ये भाजपा और कांग्रेस भाप गए है तभी इसपर जोर दिया जा रहा है
2014 के चुनाव-प्रचार के दौरान जिन संदर्भों में मोदी ने अपने लिए ‘चौकीदार’ का किरदार और विशेषण चुना था, वह भ्रष्टाचार और घोटालों में सनी कांग्रेस नेतृत्व की यूपीए सरकार का दौर था। तल्खी और नाराजगी उसके प्रति थी और ‘चौकीदार’ के रूप में देश ने एक ईमानदार, पारदर्शी और संसाधनों के रक्षक प्रधानमंत्री का चुनाव किया था। अब 2019 में चुनावी मंजर बदल चुका है। अब जवाबदेही प्रधानमंत्री मोदी की है। बेशक भ्रष्टाचार का कोई साबित दाग प्रधानमंत्री पर नहीं है, लेकिन उन्हें देश को खुद बताना है कि उनकी सरकार के हासिल क्या हैं और कौन से वादे, किन कारणों से अधूरे रह गए? उन सरोकारों में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा उभर कर सामने आया है। अभी तक के तमाम सर्वेक्षणों में औसतन 35 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा और प्रथम मुद्दा माना है। किसान संकट, आत्महत्याएं, आमदनी दूसरा अहम सरोकार है। महिला सुरक्षा, गरीबी, महंगाई के साथ-साथ औद्योगिक उत्पादन, पेयजल, पर्यावरण और सेहत भी अन्य महत्त्वपूर्ण मुद्दे हैं। बेशक मोदी सरकार इन मुद्दों के परिप्रेक्ष्य में बहुत कम काम कर पाई हो, लेकिन उस पर भ्रष्टाचार और दलाली के जरा-सा भी दाग नहीं हैं। यानी इन मुद्दों पर मोदी सरकार या खुद प्रधानमंत्री ‘चोर’ के किरदार में बिलकुल भी नहीं हैं। यह सार्वजनिक रूप से जनता की आम प्रतिक्रिया में देखा-महसूसा जा सकता है। बेशक राहुल गांधी और कांग्रेस प्रवक्ताओं ने इसे राग की तरह अलापना जारी रखा है। उनका राजनीतिक विश्वास है कि लगातार आरोपिया झूठ बोलते रहने से देश के लोग इसे ‘सच’ मानने लगेंगे, यह उनका ‘मतिभ्रम’ है। पूरा सच तो 23 मई को सार्वजनिक होगा, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसका पलटनारा दिया है-‘मैं भी चौकीदार हूं।’ भाजपा ने एक संगीतमय वीडियो जारी किया है, जिसमें बूढ़े, युवा, महिला, किशोर, बाल चेहरों के साथ-साथ देश की सरहदों पर तैनात और युद्ध के धुएं में लिपटे सैनिक, जवान, सिपाहियों के चेहरे भी हैं। वीडियो का निष्कर्ष यह है कि देश का हर नागरिक ‘चौकीदार’ है, भ्रष्टाचार, गंदगी, सामाजिक बुराइयों से लड़ने वाला हर शख्स ‘चौकीदार’ है। प्रधानमंत्री मोदी आश्वस्त करते नजर आते हैं कि देश का ‘चौकीदार’ चौकन्ना है और देश-सेवा में मजबूती से खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी 31 मार्च को इसी नारे के संदर्भ में देश को संबोधित करेंगे। यानी साफ है कि चुनाव में ‘चौकीदार’ बनाम ‘चौकीदार चोर’ का मुद्दा आपसी टकराव की स्थिति में रहेगा।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कह चुके है कि चौकीदार चोर नहीं हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चौकीदार को छोड़ अपने जीजा की चिंता करें.
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर नाम के आगे चौकीदार लगा लिया था. जिसके बाद बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने अपने ट्विटर हैंडल पर नाम के आगे चौकीदार लगा लिया था. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पीएम मोदी पर लगातार ‘चौकीदार चोर है’ के साथ हमलावर रुख अख्तियार किए हुए हैं. जिसके जवाब में बीजेपी ने मैं भी चौकीदार कैंपेन की शुरुआत की थी।
प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी (PM Modi) को निशाने पर लिया था और कहा था कि नाम के आगे चौकीदार लगाने पर कि उनकी (प्रधानमंत्री) मर्जी वो अपने नाम के आगे क्या लगाएं, मुझे एक भाई ने कहा कि देखिए चौकीदार तो अमीरों के होते हैं. हम किसान अपने खुद के चौकीदार होते हैं. प्रियंका गांधी ने कहा था पिछले 45 साल में उतने कम रोजगार नहीं हुए, जितने इन 5 सालों में हुए. उन्होंने कहा कि जब भी आप वोट दीजिए सोच समझकर वोट दीजिएगा. उन्होंने कहा कि हम गलत वादे नहीं करते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित विपक्षी दलों द्वारा ‘‘मैं भी चौकीदार हूं” अभियान की आलोचना किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को आरोप लगाया कि जो लोग पूरे परिवार के साथ जमानत पर हैं और विभिन्न कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं, उन्हें ही इस आंदोलन से परेशानी है.
BJP के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘मैं भी चौकीदार हूं” आंदोलन एक बड़ा जन आंदोलन बन गया है. जब यह सोशल मीडिया पर चला तो पूरे दिन ग्लोबल ट्रेंड बना था. 20 लाख लोगों ने इसका ट्वीट किया. इसे सोशल मीडिया और नमो ऐप पर एक करोड़ लोगों ने प्ले किया।
मै इतना ही कहूँगी ‘मोदी है तो मुमकिन’ है फ्लॉप हुआ. और वो जनता जुबान पर अच्छे दिन आने वाले हैं की तरह पॉपुलर नहीं हो पाया तो बीजेपी ने ‘हां मैं भी चौकीदार हूं’ लॉन्च कर दिया।
तमन्ना फरीदी

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