
संजय द्विवेदी
त्रिवेणी का अभिषेक कर प्रियंका ने शुरू की गंगा यात्रा
प्रयागराज।कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वह लोगों से संवाद स्थापित करने गंगा मैया के सहारे उन तक पहुंचेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश का राजनीति में आज एक बड़ा ठहराव आ चुका है। राजनीतिक गुणा-गणित के शोर में युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों की आवाज पूरी तरह से दब गई है। वे प्रदेश की नीतियों से पूरी तरह से गायब हैं।
प्रियंका ने जारी बयान में कहा, मुझे पूर्वी यूपी में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है। यूपी के लोगों से मेरा बहुत पुराना नाता है। आज कांग्रेस पार्टी के सिपाही के रूप में मेरी जिम्मेदारी आप सबके साथ मिलकर उत्तर प्रदेश की राजनीति को बदलने की है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रदेश की राजनीति में ठहराव के कारण युवा, महिलाएं, किसान और मजदूर परेशानी में हैं। वे अपनी पीड़ा साझा करना चाहते हैं। लेकिन, शासन-सत्ता में बैठे लोग उनकी सुनने के लिए तैयार ही नहीं हो रहे हैं। प्रियंका ने भावुक अपील करते हुए कहा, मैं इस धरती से आत्मिक रूप से जुड़ी रही हूं। प्रदेश में किसी भी राजनीतिक परिवर्तन की शुरुआत जनता की बात सुने बगैर नहीं हो सकती है। इसलिए फैसला किया है कि जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए उनके द्वार तक खुद पहुंचूंगी।
प्रियंका ने कहा कि जनता की बातों को सुनकर सच्चाई और संकल्प की बुनियाद पर हम राजनीति में परिवर्तन लाएंगे। एक साथ मिलकर आम जन के मुद्दों को हल करने की तरफ आगे कदम बढ़ाएंगे। प्रियंका ने आम लोगों का आह्वान करते हुए कहा, वह जल मार्ग, बस, ट्रेन व पदयात्रा, सभी साधनों के जरिए उनसे संपर्क करेंगी। गंगा सच्चाई और समानता की प्रतीक है।

गंगा मैया उत्तर प्रदेश का सहारा हैं। इसलिए गंगाजी का सहारा लेकर लोगों के बीच पहुंचूंगी।
प्रयागराज।कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज मनइया से गंगा यात्रा शुरू कर दी। प्रियंका ने लाइफ जैकेट नहीं पहनी है। इस यात्रा के लिए वह रविवार की रात में ही प्रयागराज आ गई थीं। वह रात में अपनी दादी के घर स्वराज भवन में रूकीं। सुबह 9.30 बजे प्रियंका गंगा यात्रा के लिए स्वराज भवन से निकलीं। प्रियंका गांधी सबसे पहले संगम क्षेत्र स्थित बड़े हनुमान मंदिर पहुंची और वहां हनुमान जी का दर्शन कर उनकी आरती उतारी। इसके बाद उन्होंने किला स्थित अक्षयवट और सरस्वती कूप का दर्शन किया फिर संगम पहुंचीं। संगम में त्रिवेणी की आरती उतार कर उन्होंने मां गंगा का आशीष लिया और वहां से नाव पर बैठकर गंगा के पास अरैल गईं। अरैल में कार से वह करछना पहुंचेंगी, जहां से उनकी गंगा यात्रा प्रारंभ होगी। प्रियंका गांधी के स्वराज भवन से निकलने से लेकर संगम पहुंचने तक कांग्रेस पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक बस एक ही नारा लगा रहे थे प्रियंका नहीं यह आंधी है, दूसरी इंदिरा गांधी है। यूपी में बदलाव की आंधी, प्रियंका गांधी, प्रियंका गांधी।
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