फूड डेस्क। होली के नजदीक आते ही नकली मावे का कारोबार शुरू हो गया है। मप्र के छतरपुर से पुलिस ने 3 क्विंटल नकली मावा जब्त किया। ऐसे में जरूरी है कि मावा खरीदने से पहले आप अलर्ट रहें, ताकि नकली मावा से बच सकें। मार्केट में मिलने वाले नकली मावे को कई लोग पहचान नहीं पाते और खरीद लेते हैं। त्यौहारों के समय मावा की डिमांड बढ़ जाती है। इसी का फायदा उठाकर विक्रेता मावे में मिलावट करते हैं। कोई स्टार्च मिलाकर मावे की क्वांटिटी बढ़ाता है तो कोई मावे का मक्खन निकालकर इसमें पॉम ऑयल मिला कर बेचता है। फूड सेफ्टी ऑफिसर मनीष स्वामी (इंदौर) ने बताया कि कैसे-कैसे मावे में मिलावट होती है, कैसे आप इसकी पहचान कर सकते है, और यदि कोई ऐसा करे तो कैसे उसे आप सजा दिलवा सकते हैं।
कैसे होती है मावा में मिलावट
#आलू और स्टार्च मिलाकर
मावा की मात्रा बढ़ाने के लिए उसमें स्टार्च मिला दिया जाता है। इसके लिए पहले आलू को उबाला जाता है। फिर इसे मैस करके इसमे स्टार्च मिला दिया जाता है। इसे मावा के साथ मिक्स करके बेच दिया जाता है। स्टार्च बॉडी के लिए नुकसानदायक तो नहीं होता लेकिन ऐसा होने पर शुद्ध मावा ग्राहक को नहीं मिल पाता। त्यौहारों के टाइम पर अक्सर इस तरह से मावा की क्वांटिटी बढ़ा दी जाती है।
#घी निकालकर
कई लोग मावा को सेंककर उसका घी निकाल लेते हैं और इसमें पाम ऑयल मिला देते हैं। घी निकालने के बाद इसे अलग से बेचते हैं और मावा पाम ऑयल मिलाकर बेचा जाता है। इससे विक्रेता को दोगुना फायदा होता है। इसके अलावा कई लोग मिल्क पाउडर और वनस्पति को मिलाकर भी मावा बनाते हैं। इसमें खुशबू के लिए कुछ फ्लेवर मिला दिया जाता है।
कैसे पहचानें
स्टार्च मिला हो तो…
> थोड़े से मावे में टिंचर आयोडीन सॉल्युशन डालें। कलर ब्लू हो जाए तो समझ जाएं इसमें स्टार्च मिला है।
घी निकला हो तो…
> थोड़ा सा मावा हाथ में लेकर हल्का सा पानी मिलाकर रगड़ें। फिर किसी बर्तन में हाथ डूबोकर धोएं। ऑयल मिला होगा तो पानी में ऊपर तैरता दिख जाएगा।
> मक्खन होगा तो मक्खन पानी में ऊपर आएगा। इसमें हल्का व्हाइट झाग नजर आएगा।
महक लंबे समय तक नहीं होती…
> नकली मावे को पानी में डालकर फेंटने से वह दानेदार टुकड़ों में अलग हो जाता है। बहुत चिपचिपा होता है। इसकी महक बहुत लंबे समय तक नहीं रहती।
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