लाइफस्टाइल डेस्क. केमिकल वाले रंग न सिर्फ त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि एक्ने, एलर्जी और जलन का कारण भी बनते हैं। ऐसी दिक्कतों से बचने के लिए फूल, पत्तियों, सब्जियों और मसालों से तैयार रंगों का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये खासकर स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं और आंखों को भी नुकसान नहीं पहुंचता। नेचुरोपैथी एक्सपर्ट व डाइटीशियन डॉ. किरन गुप्ता बता रही हैं कि कैसे हर्बल कलर घर पर आसानी से तैयार किए जा सकते हैं और कैसे सेलिब्रेट करें सेफ होली।
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नीम की पत्तियों को पीसकर तैयार हुआ पेस्ट से हरा रंग बना सकते हैं। इस पेस्ट को पानी में मिलाकर की रंग खेला जा सकता है। यह फेसपैक की तरह भी काम करेगा। नीम एंटीबैक्टीरियल और एंटीएलर्जिक होने के कारण स्किन के लिए फायदेमंद है व इससे कील, मुंहासों की समस्या में राहत देता है। नीम की पत्तियों को सुखाकर इसके पाउडर को भी गुलाल की तरह लगाया जा सकता है। मेंहदी का प्रयोग भी कर सकते हैं।
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इस मौसम में चुकंदर आसानी से उपलब्ध है। इसे घिसकर पानी में उबाल लें और लाल रंग तैयार है। गहरा पिंक रंग चाहते हैं तो इसमें पानी ज्यादा मिलाएं। इसके अलावा इसे पीसकर पेस्ट भी बना सकते हैं। खासबात है कि यह रंग आंखों और मुंह में चले जाने पर नुकसान भी नहीं होता है। बच्चों को नुकसान से बचाने के लिए इस रंग को पिचकारी में भरकर भी दे सकते हैं।
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ये रंग बनाने के लिए हल्दी बेहद मुफीद है। हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमेट्री होती है जो स्किन के लिए काफी फायदेमंद है। पीला रंग तैयार करने के लिए हल्दी को जौ या मक्के के आटे में मिलाकर पेस्ट बना सकते हैं। इसे रंग की तरह इस्तेमाल करें। यह डेड स्किन हटाकर नेचुरल स्क्रब की तरह काम करेगा। हल्दी को आरारोट या चावल के पाउडर में भी मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
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केसरिया बनाने के लिए गेंदे के फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा 100 ग्राम पलाश के सूखे फूल को एक बाल्टी पानी में उबाल कर या वैसे ही भिगो कर रात भर रखें। सवेरे इसे छान लें। बाल्टी भर गाढ़ा केसरिया रंग तैयार है। इसे ऐसे ही या पतला करके प्रयोग किया जा सकता है।
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