सोनभद्र। नगरपालिका परिषद सोनभद्र के चेयरमैन व भाजपा नेता पर वन विभाग ने जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया है। वन विभाग ने डीएम और एसपी को पत्र लिखकर कार्यवाई की मांग की है। हालाँकि नगरपालिका अध्यक्ष ने सभी आरोपो को गलत बताया है। इस मामले में डीएफओ का कहना है खतौनी की आड़ में वन विभाग की जमीन पर निर्माण कार्य हो रहा था जिसे रुकवा दिया गया है। डीएम ने वन विभाग,राजस्व विभाग और पुलिस की टीम बनाकर जांच हो रही है,जाँच के बाद कार्यवाई होगी।
वन विभाग ने जमीन कब्जे को लेकर चैयरमैन और दो अन्य के खिलाफ तहरीर पुलिस को सौंपी है।
सोनभद्र में नगरपालिका परिषद सोनभद्र के चेयरमैन व बीजेपी नेता पर जमीन कब्जे का आरोप वन विभाग ने लगाया है। आरटीआई के माध्यम से प्राप्त सूचना द्वारा आया सामने आया है कि वन विभाग ने नगर पालिका के चेयरमैन वीरेंद्र जायसवाल और दो अन्य लोगों पर वाराणसी शक्तिनगर स्टेट हाईवे से सेटिंग 7.5 हेक्टेयर जमीन पर अवैध निर्माण कार्य और कब्जा करने का आरोप लगाया है और इनके खिलाफ डीएम और पुलिस को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की लेकिन तहरीर के बाद भी इन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
इस मामले में भाजपा के नेता और नगर पालिका के अध्यक्ष वीरेंद्र जायसवाल का कहना है कि वहां उनकी कोई जमीन नहीं है ।उनके एक मित्र की जमीन वहां है इस पर निर्माण कार्य चल रहा था वह उसको देखभाल के लिए जाते थे वन विभाग राजस्व विभाग जमीन मालिक के खिलाफ कोई भी कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र है उनका उस जमीन से कोई लेना देना नहीं है।
इस मामले ने डीएफओ संजीव कुमार सिंह का कहना है कि खतौनी की आड़ में वन विभाग की धारा चार की जमीन पर कब्जा हो रहा था । इसे रुकवाया गया और जमीन कब्जा करने वालो के खिलाफ वन विभाग की तरफ से नामजद तहरीर दी गयी है। डीएम के निर्देश पर वन,राजस्व और पुलिस विभाग की टीम बनाकर सीमांकन की कार्यवाई की जा रही है। डीएफओ ने नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दिए जाने की पुष्टि की गयी।