नहाते ही खुजली एवं चकत्ते उभरने से स्नान करने वालो की हो रही फजीहत
पोयट्री फार्म और कस्बा का कचरा के कारण जटखैरा नाला हुआ गंदा
पंकज सिंह/रोहित सिंह@sncurjanchal
म्योरपुर गांव के दक्षिणी इलाके में स्थित जटखैरा नाला में शव दहन के बाद नहाने से लोगो के शरीर मे खिजली और चकते आने से खफा ग्रामीणों ने सोमवार को नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि कस्बे के कचरा और पोयट्री फार्म की गंदगी से से नाले का पानी गंदा और जहरीला हो गया है एक समय मे म्योरपुर वासियों के लिए वरदान साबित होने वाला यह नाला के पानी मे नहाने और पशुओं के पीने से बीमारी बढ़ रही है। इन दिनों इस नाले के प्रदूषित पानी से नाहते ही खुजली एवं चकत्ते निकल आ रहे है सबसे अधिक असुविधा ऐसे समय मे हो रही है जब गांव के किसी ब्यक्ति की मौत होती है उसके अंतिम संस्कार के लिए उक्त नाले पर स्थित श्मशान घाट को जाते है शव का अंतिम संस्कार करने के बाद शव यात्रियों द्वारा स्नान किया जाता है तथा अगले नौ दिन तक नियमित घाट पर स्नान के लिये जाने के लिये बाध्य होते है।
उक्त नाला जो ग्राम पंचायत म्योरपुर के पटेरिटोला एवं म्योरपुर के मध्य से होकर गुजरता है तथा पश्चिम की ओर जाकर लैरा नदी में मिल जाता है इस नाले का जल एक दशक पूर्व तक ग्रामीण पीने तक के लिये उपयोग में लाया करते थे बैवाहिक एवं अंतिम संस्कार के सभी अनुष्ठान के लिये यही नाला पूरे ग्राम पंचायत निवासियों के लिये एकलौता स्थल था जो अब प्रदूषण एवं गंदे पानी के प्रवाह से पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है पर्यावरण कार्यकर्ता जमुना यादव,कमलेश मिश्र,आशीष,सुमित,आलोक का कहना है कि इस नाले के स्वच्छ जल को प्रदूषित करने में एक पोल्ट्री फार्म का कचरा महती योगदान कर रहा है यह पोल्ट्री फार्म नाले के तट पर स्थित है जिस कारण यहाँ का सारा कचरा नाले में बहा दिया जाता है वही कस्बे के कचरा भी नाले में फेंका जाना इसके अस्तित्व को समाप्त कर रहा है उक्त लोगो का कहना था कि सामूहिक श्रमदान एवं प्रसासनिक सहयोग से नाले के जल को स्वच्छ बनाया जाना आवश्यक है गौरीशंकर सिंह,सुनील कुमार,सुजीत कुमार,अशोक सोनी,राकेश सोनी,उदय प्रताप सिंह,प्रभावती देवी,लीलावती ने जिलाधिकारी का ध्यान इस समस्या की ओर आकृष्ट कराते हुए इसके निर्मलिय करण की मांग की है।