वाराणसी।पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत से गरीबी दूर करने के लिए व्यापक अभियान चल रहा है। सेल्फ हेल्प ग्रुप को आजीविका मिशन के लिए लोन लेना आसान हुआ है। 23 हजार करोड़ का पहले लोन मिलता था। चार साल में यह रकम 44 हजार करोड़ हो गई। पूरे पांच साल में दो लाख करोड़ की सहायता स्वयं सहायता समूहों को मिली है। आपको जानकर खुशी होगी कि यह अभियान देश के लगभग सवा छह सौ जिलों में फैल चुका है। छह करोड़ बहने और छह करोड़ परिवार सेल्फ हेल्प ग्रुपों से जुड़े हैं। आने वाले समय में और भी गरीब परिवारों को इससे जोड़ा जाएगा। मैं गुजरात में सीएम था, नया था तो वहां कुछ बहनों ने मिलने के लिए समय मांगा तो पता चला कि वहां पंचायत के चुनाव में एक भी पुरुष नहीं जीता था। तो गांव वालों ने तय किया कि पुरुष चुनाव नहीं लड़ेगा। वहां की प्रधान पांचवें तक पढ़ी थी। बोली यह पहली पंचायत है जिसमें सभी महिलाएं हैं। मैने पूछा कि गांव का क्या करेंगी तो उन लोगों ने बताया कि हम ऐसा कुछ करना चाहते हैं कि गांव में कोई गरीब न रहे। सोचिए ऐसे में क्या इस देश में गरीबी बच पाएगी। उन महिलाओं का संकल्प मेरे लिए प्रेरणा है। वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 साल होंगे। हम अभियान को ताकतवर बनाएंगे क्या आप ऐसे निर्णय कर सकते हैं, आप करिए मैं आपके साथ हूं। यूपी में भी एक करोड़ गरीब परिवारों को सेल्फ हेल्प ग्रुप से जोडा जा रहा है। गरीब, वंचित, शोषित और जनजाति समाज को भी ग्रुप से जोडऩा है। अभियान को व्यापक विस्तार देना है। आपकी सक्रियता पर यह होना है।
स्कूल में पढने वाले बच्चों को सोलर लैंप देने की मुहिम शुरु की है। महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर सोलर लैंप बेच रही हैं। 34 लाख सोलर लैंप देना है। इन लैंप को बनाने और जोडऩे की विशेष जिम्मेदारी समूह को दी गई है। अभी तक 12 लाख सोलर लैंप बच्चों तक पहुंच गए हैं। अब लैंप नहीं उज्जवल भविष्य की रोशनी गांवों को जा रही है। आपने लैंप देकर बच्चे को प्रेरणा और ताकत दी है। अब तक छह करोड़ रुपये की आमदनी इस ग्रुप को हुई है। हमारी सरकार ग्रामीण इलाकों में कौशल विकास पर भी काम कर रही है। 31 लाख से ज्यादा कौशल विकास महिलाओं का किया गया है। पशु पालन की नई तकनीक पर 90 हजार बहनों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इससे यकीनन लोगों की आय में वृद्धि तय है। पशु पालन क्षेत्र में भी महिलाएं हैं, किसान क्रेडिट कार्ड पशुपालन में भी मिलेगा। काशी में डेरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अमूल और पराग डेरी लगाई गई है। देश भर में 15 करोड़ मुद्रा लोन में 11 करोड़ लोन महिलाओं को मिला यूपी में 80 फीसद लोन महिला को मिला है। रिटेल चेन में महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप में भी महिलाओं को जोड़ा गया है। कोई टेंडर नहीं होगा, कम पैसे होंगे तो उत्पाद सरकार खरीद लेगी। आपके प्रोडक्ट का दायरा बढेगा। अखबार के वेस्ट का यूज हो रहा है। बहनें अपने कूड़ा कचरा वेस्ट से बेस्ट उत्पाद बनाया जा रहा है। मोटरसाइकिल पर चक्र बनाकर पुरानी साडिय़ों से रस्सी बना रहे हैं। कूड़ा कचरे से अच्छी चीजें बना सकते हैं। अभियान चलाना होगा। हमारे यहां यूरिया की नीम कोटिंग हो रही है। नीम की फली से तेल बनाकर बहनें बेचने लगी हैं। नए क्षेत्रों में भी जाना होगा। मेडिकल, हास्पिटैलिटी में भी मरीज को घर का खाना दिया जा रहा है। मरीज के साथ लोगों को भी सुविधा होती है। कई शहरों में लड़के लडकियां रहते हैं। स्वयं सहायता समूह कामन किचन से कमाई भी कर रहे हैं। नए क्षेत्र विकसित हो रहे हैं। इन्हें बढ़ावा देना है। सीधी मदद एक करोड़ से अधिक परिवार को मिल चुकी है। जिनको नहीं मिली तो उनको शीघ्र मिलने वाली है। बुढ़ापे में शरीर काम नहीं कर पाता तो उनके लिए पेंशन योजना है। आपको 18 से 40 की उम्र में योजना से जुड़ें तो 100 जमा करें तो उतनी रकम लोगों को मिलेगा। आपके साठ साल बाद जब तक जिएंगे आपको लाभ मिलेगा। एक फार्म भरने के बाद एक बाद पैसे देने होंगे और गारंटी बन जाएगी। बहनें इसका फायदा उठाएं ताकि बुढ़ापे में सम्मान से जी सकें। महिलाओं का स्वभाव है परिवार की सोचती हैं। खाने की चीज बनाएंगी तो परिवार को खिलाती हैं। खुद बीमार हों तो भी अपनी चिंता नहीं करती। अब मुझे स्थिति बदलती है तो उनके लिए आयुष्मान योजना है। सरकार जनहित की योजनाओं पर काम कर रही है।