जुगैल/ सोनभद्र(अरविन्द दुबे) जुगैल थाना क्षेत्र के खेंवधा बालू साइट को सुनहला सोना माना जाता है। इसका कारण यह नहीं है कि जुगैल के नदियों तथा वादियों में प्रचुर खनिज संपदा मौजूद है बल्कि जब जितना चाहो उतना कमाने की गारंटी है अवैध खनन। सोन रेणु तथा बिजुल नदीयों के संगम किनारे यह क्षेत्र शोभनाथ महादेव का यह तीर्थ स्थल अवैध खनन कर्ताओं के भी तीर्थ स्थल बन गया हैं। प्रशासन, पुलिस, खनन विभाग की मिलीभगत से प्रति दिन हजारो घन फीट बालू,निकाली जा रही हैं।
जो राजनीतिक दल अवैध खनन के लिए पुर्व की सरकार को निशाना बना रहे थे उनकी सरकारों मे भी यह खेल इन्हीं शर्तों पर चल रहा है सूचनाओं के मुताबिक खेंवधा साइड पर परमिट समाप्त हुए कई सप्ताह बीत गए लेकिन साइट बंद नहीं हुई खनन विभाग के अनुकंपा से दूद्धी साइड की परमिट आसानी से खेंवधा के पट्टे धारक को उपलब्ध हो जा रही है और उसी परमिट को साइट पर धड़ल्ले से काटी जा रही है
साइट पर आधा दर्जन पोकलेन तथा दर्जनों नावे गर्जना करती हुई नदी की के तल से बालू को निकाल कर बाहर फेंक रहें है जिनके शोर से कल कल करते बहने वाली रेणू शब्द मंद पड़ गया है और नदी में बड़े-बड़े विशालकाय गड्ढे बन गए हैं यही नहीं पट्टे धारक द्वारा बड़े बड़े ह्यमपाइप लगाकर बीच नदी तक नदी की धारा को मोड़कर अस्थायी पुल का निर्माण कर लिया गया है जिस पर ट्रकों को खड़ी कर धड़ल्ले से बालू लोड़ कराई जा रही है