-नीरज के गर्दन में फैल रहा है संक्रमण
-कटे हुए हाथ पैर और दूसरे हाथ में मामूली सुधार
-75दिनों से बनारस के बी एच यू में भर्ती है नीरज
-अभी तक नहीं मिली कोई भी सरकारी मदद
विण्ढमगंज/ सोनभद्र(प्रभात कुमार)हाईटेंशन तार के चपेट में आ जाने से अपना एक हाथ और एक पैर गवां चुके उच्च प्राथमिक विद्यालय मेदनीखाड का छात्र नीरज के दूसरे हाथ में मामूली सुधार हुआ है लेकिन नीरज का गर्दन काफी सूज गया है डॉक्टरों ने आज इसकी जांच कराई है जांच रिपोर्ट 2 दिन बाद मिलेगा नीरज की हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है उसके दूसरे हाथ व कटे हुए हाथ और पैर के घाव सुख रहा है लेकिन गर्दन के नीचे जख्म के कारण नीरज का गर्दन काफी सूज गया है डॉक्टरों को लगता है कि गर्दन में किसी तरह का इंफेक्शन फैल रहा है इसलिए डॉक्टर ने आज नीरज के गर्दन की जांच कराई है जांच रिपोर्ट 2 दिन बाद मिलेगा तब जाकर पता चलेगा कि आखिर नीरज के गर्दन में इतना सूजन क्यों हुआ है उधर विंढमगंज थाने की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करके विद्यालय में जाकर विद्यालय के प्रधानाचार्य पवित्री मिश्रा से घटना के बाबत जानकारी जुटा रही है थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि इसमें जो भी दोषी जांच में पाया जाएगा उन सारे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी अभी तक सिर्फ बिजली विभाग के ऊपर एफ आई आर दर्ज किया गया है
77दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई भी सरकारी मदद नीरज के परिजनों को नहीं मिला है 75दिनों से बनारस के बीएचयू हॉस्पिटल में भर्ती नीरज की हालत अब भी चिंताजनक बनी हुई है BHU डॉक्टर नीरज के शरीर मे फैलने इन्फेक्शन को रोकने के लिए 2 जनवरी को नीरज का एक हाथ और एक पैर काट दिया था, नीरज के पिता विजय ने बताया कि अभी तक कोई भी सरकारी मदद नहीं मिली है अब तक लोगों की मदद से नीरज के इलाज में ₹500000 से ज्यादा खर्च हो चुका है डॉ अभी भी 1 महीने तक नीरज को यहां रखने की बात कह रहे हैं लेकिन मेरे पास अब पैसा नहीं बचा है नीरज के परिजनों का आरोप है कि स्थानीय विधायक सांसद प्रभारी मंत्री अर्चना पांडे सभी ने मदद का भरोसा दिलाया था लेकिन इनके तरफ से अभी तक कोई भी मदद नहीं मिला
विण्ढमगंज सोनभद्र
आयुष्मान भारत सहित तमाम सरकारी योजनाएं गरीबों के इलाज के लिए हैं लेकिन इन योजनाओं का लाभ अब तक नीरज को क्यों नहीं मिल सका यह सवाल इन योजनाओं पर सवालिया निशान लगाता है मुख्यमंत्री के पोर्टल पर और ट्विटर अकाउंट पर भी नीरज के लिए मदद मांगी गई लेकिन 2 महीने बीत जाने के बावजूद भी आज तक कोई भी मदद नीरज के परिजनों को नहीं मिल सका