हम्पी. कर्नाटक के हम्पी शहर में स्थित यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट और प्राचीन विष्णु मंदिर में पत्थरों के खंभे गिराने वाले चार युवकों को कोर्ट ने अनोखी सजा सुनाई। कोर्ट ने चारों युवकों को पिलर को फिर से उठाकर उसी जगह रखने की सजा देने के अलावा हर एक पर 70 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। चारों युवकों ने ये हरकत तब की थी, जब वे मंदिर घूमने गए थे। इसी दौरान उन्होंने पिलर गिराने का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने उन्हें खोज निकाला और गिरफ्तार कर लिया था। हम्पी के ये मंदिर दक्षिण भारत में विजयनगर साम्राज्य के दौरान 14वीं शताब्दी में बनाए गए थे।
बचने के लिए बंद कर लिया था अपना मोबाइल
– ये मामला इस महीने के शुरू में तब सामने आया था जब लोगों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में तीन युवकों को प्राचीन मंदिर का खंभा गिराते हुए देखा। इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा था।
– मंदिर का खंभा गिराने के आरोप में जिन युवकों को गिरफ्तार किया गया, उनमें एक मध्यप्रदेश और बाकी तीन बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक इन युवकों को पिलर गिराने के आरोप में 8 फरवरी को पकड़ा गया था। इसके बाद उन्हें 14 फरवरी तक पुलिस हिरासत में ही रखा गया।
– गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट से मिली सजा को पूरा करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। आरोपियों ने मंदिर में पिलर गिराने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर शेयर कर दिया था।
वीडियो वायरल होते ही भड़क गया गुस्सा
– जल्द ही ये वीडियो वायरल हो गया और लोगों का गुस्सा भड़क गया और वे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। हालांकि कुछ ही वक्त बाद आरोपियों ने अपने अकाउंट से वो वीडियो भी डिलीट कर दिया। लेकिन तब तक पुरातत्व विभाग मामला दर्ज करा चुका था।
– पुलिस को आरोपियों के बारे में कुछ भी पता नहीं था, जिसके बाद उसने आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट की मदद से उनका मोबाइल नंबर पता करते हुए उनकी लोकेशन ट्रेस कर ली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।आरोपियों को बेंगलुरु, हैदराबाद और मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया गया।
– पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया था। लेकिन पुलिस ने उनकी कॉल डिटेल्स निकलवाते हुए उनके घर का पता लगा लिया।इस घटना के बाद लोगों ने पुरात्व विभाग से इलाके में सुरक्षा के इंतजाम करने की मांग कीहै।
– कानून के मुताबिक किसी भी ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की धरोहर को नुकसान पहुंचाने पर अधिकतम 2 साल की सजा और 1 लाख रुपए तक का प्रावधान रहता है। जुर्माना अदा ना कर पाने पर दोषियों को अतिरिक्त सजा काटना होती है।
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