श्रीमदभागवत रसपान पाने के लिए भक्तों का उमड़ा सैलाब

रेनुसागर श्याम सेवा मंडल में श्रीमदभागवतरेनुसागर सोनभद्।मानव जीवन का कल्याण तभी होगा जब मानव धर्म की आस्था को समझने लगेगा। प्रभु को याद कर उसका सुमिरन करना अत्यंत जरूरी है। कलियुग में अधर्म का नाश हो और धर्म का साथ होना ही सुमिरन है। जीव जंतुओं पर दया करो। बेसहारा को सहारा प्रदान करने से भगवान सदैव प्रसन्न रहते है। लालच विनाश का मूल मंत्र है।श्रीमद् भागवत कथा में ईश्वरीय लीला के माध्यम से हमारे हृदय में जो विचार आते हैं, हमें माया से निवृत्त कराने में सहायक होते हैं।उक्त बातें श्रीमदभागवत सेवा समिति रेनुसागर के तत्वाधान में शनिवार को श्रीश्याम सेवा मंडल रेनुसागर में आयोजित संगीतमय श्रीमदभागवत कथा रसपान पाने के लिए आये हजारो भक्तों का उमड़े सैलाब के बीच कथावाचक पीठाधीस्वर श्री कालभैरव मंदिर भैया थान सूरज पुर छत्तीसगढ़ से आये आचार्य पंडित श्रीराजकिशोर शास्त्री ने कही।इसके पूर्ब शास्त्री जी ने शहीद हुये बीर सपूतों को दो मिनट मौन रख कर अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी।तत पश्चात् श्री शास्त्री जी ने कहा कि भक्त और भगवान का अटूट रिश्ता होता है।सात दिन चले श्रीमद् भागवत कथा का समापन करते हुए कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया, जिसमें कलयुग का वर्णन,भक्त अजामिल ,राजा बली,शिव पार्वती विबाह, कृष्ण जन्मोत्सव,माखन चोरी,कृष्ण रुक्मणि विवाह,महारास,प्रभु कृष्ण के 16 हजार 108 शादियां के प्रसंग के साथ, सुदामा चरित्र, और परीक्षित मोक्ष की कथायें सुनाई। आचार्य राजकिशोर शास्त्री ने सुदामा और कृष्ण मिलन के प्रसंग के साथ श्रीमद्भागवत कथा को विराम दिया। उन्होंने कथा के प्रसंग में कहा कि श्री कृष्ण जी के पास सुदामा जी गए तो श्रीकृष्ण उनके चरणों को धोया और जंगल में लगे सुदामा के पैरों के कांटे को निकालते हैं। सेवा करने के बाद श्रीकृष्ण सुदामा से पूछते हैं मेरे लिए आप क्या खाने को लाए हो। सुदामा अपने पास रखी कच्चे चावलों की पोटली को छुपाने लगते हैं। दो मुट्ठी चावल खाते हैं और मन ही मन मग्न हो सुदामा से कहते हैं कि क्या स्वाद हैं इन चावलों में मानो हमारी बचपन की यादों का बीता हुआ समय मिल गया हो। फिर सुदामा को स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाते हैं और गुरु आश्रम की चर्चा करते हैं। रात को श्रीकृष्ण सुदामा की भरपूर सेवा करते हैं। श्री शस्त्री जी ने कहा कि । मानव को लालच न कर प्रेम व्यवहार से रहना चाहिए।इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए। वही एकादशी के पावन पर्ब श्रीश्याम बाबा का जोत जलाकर विधि विधान पूर्वक पूजन भी किया गया।कथा समापन के दौरान ने भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हों।तत्पश्चात बृंदाबन से आये कलाकारों द्वारा कृष्ण -सुदामा चरित्र,श्री कृष्ण भगवान द्वारा राधा के प्रेम में मयूर नृत्य,दीप उत्सव एवं शानदार फूलो की होली का जीवंत प्रस्तुति ने दर्शक दीर्घा में बैठे श्रद्धालुओं को भक्ति के रस से रसबोर।इस मौके पर श्याम सेवा मंडल के प्रधान पुजारी राम एस पांडेय,आचार्य संतोष चतुर्वेद,अनिल सिंघानिया, विनय वाजपेयी, पंडित राम यश पांडेय,विकाश अग्रवाल,डॉक्टर आर एस शर्मा,नरेश शर्मा,दीपक ,विकाश दुबे अरबिन्द सिंह,अरुण सिंह,अजय कुमार शर्मा सहित हजारो श्रद्धालु मौजूद रहे। इस दौरान भजनों पर उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे।

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