नई दिल्ली. अनिल अंबानी और आरकॉम के खिलाफ एरिक्सन की ओर से दायर अवमानना याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अनिल अंबानी पर गंभीर आरोप लगे। एरिक्सन के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि अनिल अंबानी के पास राफेल में निवेश के लिए पैसा है, लेकिन हमारा बकाया चुकाने के लिए नहीं है।
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एरिक्सन के वकील ने कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कोर्ट से यह जानकारी छिपाई कि कंपनी को परिसंपत्तियों की बिक्री से करीब 5,000 करोड़ रुपए मिले।
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वकील ने कहा कि अनिल अंबानी राजाओं की तरह रहते हैं। ये सोचते हैं कि ये मानवता के लिए भगवान द्वारा दिए गए उपहार स्वरूप हैं। ये कोर्ट के आदेशों का मान नहीं रखना चाहते।
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सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस रोहिंगटन फली नरीमन और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने कहा कि वह इस केस से जुड़े सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद जल्द फैसला सुनाया जाएगा।
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स्वीडिश कंपनी एरिक्सन ने 550 करोड़ रुपए की बकाया राशि कोर्ट के आदेश के बावजूद न देने पर अवमानना याचिका दायर की है। कंपनी के वकील ने कहा कि अनिल अंबानी को पैसा तो देना ही चाहिए, इन्हें अवमानना की सजा भी मिलनी चाहिए। कोर्ट ने अनिल को बुधवार को पेशी में छूट देने से इनकार कर दिया था। वो मंगलवार को भी कोर्ट में पेश हुए थे।
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अनिल अंबानी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि न तो अवमानना हुई और ना ही अदालत के आदेश को नकारने का प्रयास किया गया है। आरकॉम के लाखों शेयरहोल्डर हैं। इस कंपनी की जिम्मेदारी किसी एक की नहीं है।
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रोहतगी ने कहा कि किसी एक डायरेक्टर को आरकॉम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। जो अंडरटेकिंग दी गई थी वह शर्तों पर आधारित थी। कोई नहीं चाहेगा कि उसकी कंपनी संकट में आए और दिवालिया हो जाए। वह इस स्थिति से निकलने की कोशिश में लगे हैं।
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रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो 118 करोड़ जमा कराए गए, वो अनिल अंबानी का आयकर रिटर्न का पैसा था। जस्टिस रोहिंगटन ने अनिल अंबानी से दोपहर 2 बजे तक हलफनामा दायर करने को कहा, जिसमें कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न की विस्तृत जानकारी हो।
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दोपहर 2 बजे सुनवाई दोबारा शुरू हुई तो अनिल अंबानी ने हलफनामा दायर किया। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर को आरकॉम को कहा था कि वह एरिक्सन कंपनी को 15 दिसंबर तक 550 करोड़ की बकाया राशि का भुगतान करे। रकम चुकाने में देरी होती है तो सालाना 12% ब्याज भी देना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरा करने में नाकाम रहने पर एरिक्सन कंपनी ने अवमानना याचिका दायर की थी। कोर्ट ने उक्त याचिका पर अनिल अंबानी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था।
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एरिक्सन का आरोप
अनिल अंबानी ने एसेट बिक्री से 5,000 करोड़ मिलने की बात छिपाई। ये अवमानना का साधारण केस नहीं है। ये असाधारण व्यक्ति हैं, जिन्हें देश के बेहतरीन सलाहकार और अच्छे वकील सलाह दे रहे हैं। इन्होंने कोर्ट के आदेशों की जानबूझ कर अवमानना की है। इन पर कार्रवाई की जाए। -
अनिल अंबानी का जवाब
जियो से 5,000 करोड़ लेने की बात सही नहीं है। आरकॉम और जियो के बीच स्पेक्ट्रम, टावर इत्यादि बेचने को लेकर अनुबंध था। जियो ने उस अनुबंध से खुद को अलग कर लिया है। डील रद्द होने के एवज में उनसे 780 करोड़ रुपए मिले। यह रकम भी कर्ज देने वाले बैंकों ने लिए। आरकॉम को कुछ भी नहीं मिला है।