लाइफस्टाइल डेस्क. मधुमक्खियां जोड़-घटाना और गिनती करना भी जानती हैं। इतना ही नहीं ये जीरो को भी पहचानती हैं। वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि शोध में की है। ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुए शोध के मुताबिक, रिसर्च ब्रेन के आकार और ब्रेन पावर के बीच सम्बंध को एक कदम आगे ले जाती है।
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शोधकर्ताओं का कहना है कि गणित के सवालों को हल करने के लिए खास ब्रेन पावर की जरूरत होती है। नम्बरों का मैनेजमेंट, नियम और मेमोरी इसका खास हिस्सा होती है। शोध में भी सामने आया है कि मधुमक्खी का छोटा सा ब्रेन गणित के साधारण से सवालों को समझने में सक्षम है। भविष्य में इसका इस्तेमाल आर्टिफिशल इंटेलीजेंस में किया जा सकता है।
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मधुमक्खियों को टेनिंग देने के लिए शोधकर्ताओं ने वाय (Y) आकार के मक्के का इस्तेमाल किया। इस दौरान जब मक्खी मक्के पर मौजूद संख्याा का सही जवाब देती थी तो उसे शर्बत दिया जाता था। सवाल का जवाब गलत देने पर उसे कड़वे क्यूनीन का सॉल्यूशन दिया जाता था।
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रिसर्च के दौरान मधुमक्खी वापस उस जगह ज्यादा जाती थी जहां मीठी चीजें उपलब्ध कराई जाती थीं। इस तरह मधुमक्खियों के लिए न्यूट्रिशन और लर्निंग प्रोग्राम बनाया गया। जब मधुमक्खी मक्के के पास जाती थी तो वहां पर 1 से लेकर 5 तक के नम्बर के आकार दिखाई देते थे। नीले आकार का मतलब जोड़ और पीले का मतलब घटाना था। शुरुआती नंबर देखने के बाद वह मक्के के दोनों तरफ जाती थी। जिसमें एक तरफ सही और दूसरी तरफ गलत जवाब था।
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प्रयोग कितना कारगर रहा यह चेक करने के लिए सही जवाब को बदला गया। लेकिन मधुमक्खी ने शुरुआत में गलतियां करने के बाद सही विकल्प को चुना। शोध के एक दूसरे प्रयोग में तीन आकार रखे गए इनमें एक जीरो था। जिसे मधुमक्खी ने बार-बार चुना। सात घंटे में 100 ट्रायल लिए गए। प्रयोग से मधुमक्खी ने सीखा ब्लू का मतलब +1 और यलो का मतलब -1 है। बाद में मधुमक्खी ने यही नियम संख्या पर भी लागू किया।
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शोध के मुताबिक, दो चरणों की प्रक्रिया में रंगों के आधार पर मधुमक्खियों को जोड़ और घटाना सिखाया जा सकता है। गणित के सवालों को हल करने के लिए इंसान की तरह मधुमक्खी भी शॉर्ट टर्म मेमोरी का इस्तेमाल करती है। शोधकर्ता स्कारलेट हॉवर्ड का कहना है कि पहले भी बंदर, चिड़िया और मकड़ी पर हुए शोध में सामने आया है कि इनमें जोड़ने और घटाने का जवाब देने की क्षमता है।