नई दिल्ली.लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना अभी बाकी है, पर देश में चुनावी मौसम आ गया है। 26 जनवरी के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस पूरी तरह से आम चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं। दोनों पार्टियों के टॉप नेता चुनावी मैदान में माहौल और जमीन पर संगठन को मजबूत करने में लगे हैं। वे रोजाना अलग प्रदेशों में रैली औरकार्यक्रम कर रहे हैं। भाजपा की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाह रोजाना एक से दो रैलियां और संगठन स्तर के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। जबकि कांग्रेस से अभी तक अकेले अध्यक्ष राहुल गांधी बागडोर संभाले हुए हैं। वह पिछले 12 दिनों से लगातार अलग-अलग राज्यों में रैली और चुनाव से जुड़े सम्मेलन कर रहे हैं।
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मोदी और शाह की जोड़ी ने पिछले 13 दिन में 22 सभाएं और रैलियां की हैं। इनमें शाह ने अकेले 6 राज्यों में 14 और मोदी ने 5 राज्यों में 8 रैलियां और सभाएं की हैं। इसके अलावा मोदी ने दो और शाह एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए। वहीं, राहुल गांधी ने पिछले 12 दिन में 7 रैलियां और 5 कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं। राहुल ने अपनी ये रैलियां 6 राज्यों में की हैं। शुक्रवार को मोदी ने बंगाल के जलपाईगुडी और छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में रैली की। वहीं, राहुल ने मध्यप्रदेश के भोपाल में रैली की।चुनाव आयोग मार्च के पहले हफ्ते में लोकसभा चुनाव की तारीखों का एेलान कर सकता है। 2014 में 7 अप्रैल से 12 मई के बीच 9 चरणों में वोटिंग हुई थी। 16 मई को मतगणना हुई थी।
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भाजपा: मोदी ने सबसे ज्यादा 3 रैली बंगाल में, शाह ने सबसे ज्यादा 6 सभाएं यूपी में कीं
- 8 फरवरी: मोदी ने छत्तीसगढ़ और बंगाल में रैली की। शाह यूपी के जौनपुर और गोरखपुर में रहे।
- 6 फरवरी: शाह ने अलीगढ़ में रैली की।
- 4 फरवरी: शाह की आंध्र में 2 रैली।
- 3 फरवरी: जम्मू में मोदी की रैली, ओडिशा में शाह की रैली।
- 2 फरवरी: बंगाल में मोदी ने 2 रैलियां कीं, यूपी के अमरोहा और देहरादून में शाह ने रैलियां कीं।
- 31 जनवरी: दिल्ली में शाह भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यक्रम में शामिल हुए।
- 30 जनवरी: गुजरात मोदी की एक रैली, यूपी में शाह की 2 सभा।
- 29 जनवरी: शाह ने बंगाल में एक और ओडिशा में 2 रैलियां कीं।
- 28 जनवरी: हिमाचल के ऊना में अमित शाह ने रैली की।
- 27 जनवरी: मोदी की केरल के त्रिशूर, तमिलनाडु के मदुरई में रैली।
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कांग्रेस: राहुल गांधी ने दक्षिण-पूर्व भारत के 3 राज्यों में 4 रैलियां कीं, बिहार में एक
- 8 फरवरी: भोपाल में राहुल ने किसान आभार रैली की।
- 7 फरवरी: दिल्ली में अल्पसंख्यक सम्मेलन में शामिल।
- 6 फरवरी: ओडिशा में 2 रैली की, तेलंगाना में कार्यकर्ताओं से बातचीत की।
- 5 फरवरी: दिल्ली में देश की 7 स्टूडेंट्स के साथ डिनर पर चर्चा।
- 3 फरवरी: पटना में जन आकांक्षा रैली, इसमें यूपीए में शामिल आरजेडी और कांग्रेस सीएम शामिल हुए।
- 31 जनवरी: दिल्ली की नई कांग्रेस टीम के साथ चर्चा।
- 30 जनवरी: तमिलनाडु में युवा क्रांति यात्रा में पहुंचे, रैली भी की।
- 29 जनवरी: कोच्चि में रैली, हिमाचल कांग्रेस टीम से मुलाकात।
- 28 जनवरी: छत्तीसगढ़ में किसान आभार रैली की।
नोट: एक फरवरी को बजट आया, इस दिन सभी पार्टियों के नेता संसद में मौजूद थे। मोदी ने 7 फरवरी को संसद में बजट पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की।
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उन राज्यों पर सबसे ज्यादा फोकस, जहां भाजपा कमजोर
मोदी उन राज्यों पर सबसे ज्यादा फोकस कर रहे हैं। जहां भाजपा फिलहाल सबसे ज्यादा कमजोर है और जहां आम चुनाव में उसे सबसे ज्यादा फायदे की गुंजाइश है। मोदी ने पिछली 8 रैलियों में से 3 बंगाल में की हैं। एक-एक रैली तमिलनाडु और केरल में की है। गुजरात, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर में एक-एक सभाएं की हैं। मोदी अगले 5 दिन में 10 राज्यों का दौरा कर सकते हैं। चुनाव तारीख के ऐलान से पहले वह 100 रैली करने वाले हैं।
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यूपी में दोबारा बूथ सम्मेलनों से भर रहे वर्कर में जोश
शाह 2014 चुनाव में पार्टी के महासचिव और यूपी प्रभारी थे। इस दौरान उन्होंने संगठन को मजबूत करने के लिए काफी काम किया था। इसके दम पर ही एनडीए को यूपी की 80 में से 73 सीटें मिल सकीं। एक बार फिर शाह यूपी में दोबारा पुरानी रणनीति को जमीन पर उतारने में जुटे हैं। वह राज्य के अलग क्षेत्रों में पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक और सभा कर रहे हैं। 13 दिनों में उन्होंने यूपी में ऐसी 6 सभाएं की हैं।
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रैली में किसानों से जुड़े मुद्दों पर सबसे ज्यादा बोल रहे
तीन राज्यों में जीत के बाद राहुल गांधी का उत्साह देखते ही बनता है। वह जिन मुद्दों को 3 राज्यों में चुनावी रैलियों में उठाते थे, अब उन्हीं आगे बढ़ा रहे हैं। खासकर किसानों के मुद्दे। कांग्रेस ने 3 राज्यों में किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था। ऐसे में अब राहुल इन राज्यों में किसान आभार रैली कर रहे हैं। अन्य राज्यों में भी किसानों के मुद्दे उठा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में उन्होंने देश के गरीबों को यूनिवर्सल बेसिक इनकम देने का वादा किया।