नागपुर. विदर्भ ने गुरुवार को रणजी ट्रॉफी फाइनल में सौराष्ट्र को 78 रन से हरा दिया। उसने लगातार दूसरे साल इस टूर्नामेंट का फाइनल जीता। वह लगातार दो रणजी ट्रॉफी फाइनल जीतने वाली छठी टीम बन गई है। इससे पहले मुंबई, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, राजस्थान लगातार दो-दो बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीत चुके हैं।
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सौराष्ट्र की टीम तीसरी बार फाइनल में पहुंचने के बाद चैम्पियन बनने से चूक गई। इससे पहले वह 2012-13 और 2015-16 में भी रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेल चुकी है। उसे दोनों बार मुंबई से हार का सामना करना पड़ा था।
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रणजी ट्रॉफी फाइनल में 41 साल बाद किसी गेंदबाज ने दोनों पारियों में पांच या उससे ज्यादा विकेट लिए। इससे पहले 1977/78 में बीएस चंद्रशेखर ने दोनों पारियों में यह उपलब्धि अपने नाम की थी।
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उस समय बीएस चंद्रशेखर ने कर्नाटक की ओर से खेलते हुए फाइनल में उत्तर प्रदेश के खिलाफ पहली पारी में 57 और दूसरी पारी में 24 रन देकर 6-6 विकेट अपने नाम किए थे। कर्नाटक ने वह मैच एक पारी और 193 रन से जीता था।
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उनसे पहले जेबी खोट (1941/42), सीएस नायडू, पीके शिवलकर (1972/73), एएम इस्माइल (1975/76) भी ऐसा कारनामा कर चुके हैं। सीएस नायडू तीन बार (1942/43,1944/45, 1945/46) यह उपलब्धि अपने नाम कर चुके हैं।
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विदर्भ को इस मैच में जीत के लिए चौथे और आखिरी दिन गुरुवार को पांच विकेट की जरुरत थी। वहीं, सौराष्ट्र को पहली बार चैम्पियन बनने के लिए 148 रन चाहिए थे।
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सौराष्ट्र को जीत के लिए 206 रन का लक्ष्य मिला था, लेकिन बुधवार का खेल खत्म होने के समय उसका स्कोर पांच विकेट पर 58 रन था। चौथे दिन उसके आखिरी पांच बल्लेबाज महज 69 रन ही जोड़ पाए।
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विदर्भ क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए इस मैच में विदर्भ ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया। उसने अक्षय वाडेकर के 45 और अक्षय कार्नेवार के नाबाद 73 रन के दम पर पहली पारी में 312 रन बनाए।
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सौराष्ट्र की पहली पारी 307 रन पर ऑलआउट हुई। उसकी ओर से विकेटकीपर स्नेल पटेल (102) ने शतक लगाया। वहीं, जयदेव उनादकट ने 46 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली।
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विदर्भ के आदित्य सरवटे ने 98 रन देकर पांच और अक्षय वाखरे ने 80 रन देकर चार खिलाड़ियों को आउट किया। पहली पारी के आधार पर विदर्भ 5 रन की ही बढ़त हासिल कर पाया।
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विदर्भ ने दूसरी पारी में 92.5 ओवर में 10 विकेट पर 200 रन बनाए। उसकी ओर से आदित्य सरवटे ने सबसे ज्यादा 49 रन बनाए। मोहित काले ने 38 और गणेश सतीश ने 35 रन बनाए।
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सौराष्ट्र की ओर से धर्मेंद्र सिंह जडेजा ने 96 रन देकर 6 विकेट हासिल किए। कमलेश मकवाना ने दो, जबकि जयदेव उनादकट और चेतन साकरिया ने एक-एक खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा।
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इस तरह सौराष्ट्र को जीत के लिए 206 रन का लक्ष्य मिला। हालांकि, 59 रन देकर 6 विकेट लेने वाले आदित्य सरवटे ने उसके सपनों पर पानी फेर दिया। सौराष्ट्र की शुरुआत खराब रही।
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उसका पहला विकेट 19 रन पर ही गिर गया था। टीम का स्कोर जब 55 रन था तब तक सौराष्ट्र की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। उसके सात बल्लेबाज दहाई के अंक तक नहीं पहुंच पाए।
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सौराष्ट्र के लिए विश्वराज जडेजा ने सबसे ज्यादा 52 रन बनाए। पहली पारी के शतकवीर स्नेल पटेल 12 रन ही बना पाए। इनके अलावा कमलेश मकवाना (14) और धर्मेंद्र सिंह जडेजा (17) ही दहाई के अंक तक पहुंच पाए।