कोयम्बटूर. तमिलनाडु में एक गांव से निकले बिजनसमैन के लिए पहला हवाई सफर इतना यादगार बन गया कि उसने इस खुशी को बांटने का फैसला कर लिया। बिजनसमैन ने तय किया कि वो अपने गांव के उन बुजुर्गों को भी हवाई सफर करवाएंगे, जो अपनी लाइफ में कभी हवाई जहाज पर नहीं बैठे। आखिरकार 5 साल बाद उनका ये सपना पूरा भी हो गया और उन्होंने 120 बुजुर्गों को हवाई सफर का तोहफा दिया।
पहली बार प्लेन में बैठे तो लिया ये फैसला
– कोयम्बटूर जिले के एक छोटे से गांव देवरायमपलयम के रहने वाले एक टेक्सटाइल बिजनसमैन रविकुमार पहली बार 5 साल पहले प्लेन पर बैठे थे।
– एयरपोर्ट पहुंचने से लेकर प्लेन में चढ़ने और उड़ान भरने तक का अनुभव उनके लिए बहुत यादगार था। ऐसे में उसी दिन रवि ने फैसला कर लिया कि वो ये मौका अपने जैसे अन्य बुजुर्गों को भी देंगे।
– अब 5 साल बीतने के बाद रवि ने अपने परिवार समेत गांव के 120 लोगों को एयर इंडिया की फ्लाइट में सफर करने का तोहफा दिया।
– टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इन लोगों ने कोयम्बटूर से लेकर चेन्नई तक का सफर किया। ये लोग दो बसों में भरकर जब एयरपोर्ट पहुंचे, तब उनका वहां वेलकम किया गया। एयरपोर्ट पर किसी त्योहार जैसा माहौल था।
ट्रिप में खर्च हुए 4 लाख रु.
– रविकुमार ने बताया कि इस ट्रिप में उनके चार लाख रुपए खर्च हुए हैं। उन्होंने बताया कि ग्रुप बड़ा और टिकट की कीमतें ज्यादा होने के चलते ये पांच साल लटका रहा।
– रवि के मुताबिक, उनके एक जानने वाले ने जब उन्हें 20 टिकट में छूट देने की बात कही तब जाकर उनका लोगों का हवाई सफर कराने का सपना पूरा हो सका।
– रविकुमार ने बताया कि हवाई सफर पर जाने वाले ग्रुप में उनके परिवार की छह पीढ़ियों के लोग थे। उन्होंने 50 से ज्यादा उम्र के लोगों को इस सफर के लिए चुना, जिसमें उनकी 101 साल की दादी भी थीं।
– इस ग्रुप में रवि के परिवार के लोगों समेत उनके पड़ोसी भी शामिल थी। उन्होंने बताया कि ट्रिप में लोग हवाई जहाज से कांचीपुरम, वेल्लोर और तिरुमलई जाएंगे। तिरुमलई से रविवार को सबको बस से गांव लाया जाएगा।
सफर करने वालों क्या कहा ?
– ग्रुप में हवाई सफर पर गईं वल्लिम्मल ने बताया कि इस सफर के लिए वो हफ्ते से तैयारी कर रहे थे, जैसे किसी बड़े त्योहार में किया जाता है। रवि ने हमें 3 महीने पहले इस सफर के बारे में बताया लेकिन भरोसा नहीं हो रहा था।
– रवि के पड़ोस में रहने वाली 50 साल की जामिला ने बताया कि उनका इस दुनिया में कोई नहीं है। न पति हैं और न बच्चे। आर्थिक स्थिति के चलते मैं प्लेन में बैठने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी। पर अब बहुत उत्सुकता है।
– प्लेन में जाने वाली सिवगागी ने बताया कि वो एक किसान हैं और कभी सपने में भी प्लेन में बैठेन के बारे में नहीं सोच सकती थीं। उन्हें तो अब भी यकीन नहीं हो रहा कि उन्होंने प्लेन में सफर किया।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
[ad_2]Source link